फ्रांस में पहली बार किसी महिला को मिला आजीवन कारावास, इस मामले में सुनाई इतनी कठोर सजा
पेरिस की एक अदालत ने शुक्रवार को एक अल्जीरियाई महिला को 12 वर्षीय स्कूली छात्रा लोला डेविएट के यौन उत्पीड़न, यातना और हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उसकी हत्या ने तीन साल पहले फ्रांस को झकझोर कर रख दिया था और अप्रवासी विरोधी भावना को बढ़ावा दिया था। 27 वर्षीय दहबिया बेनकिरेड आजीवन कारावास की सजा पाने वाली फ्रांस की पहली महिला हैं।

फ्रांस में पहली बार किसी महिला को मिला आजीवन (फोटो- रॉयटर)
न्यूयॉर्क टाइम्स, पेरिस। पेरिस की एक अदालत ने शुक्रवार को एक अल्जीरियाई महिला को 12 वर्षीय स्कूली छात्रा लोला डेविएट के यौन उत्पीड़न, यातना और हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
उसकी हत्या ने तीन साल पहले फ्रांस को झकझोर कर रख दिया था और अप्रवासी विरोधी भावना को बढ़ावा दिया था। 27 वर्षीय दहबिया बेनकिरेड आजीवन कारावास की सजा पाने वाली फ्रांस की पहली महिला हैं।
मृत्युदंड को 1981 में समाप्त किए जाने के बाद से यह फ्रांस में सबसे कठोर सजा है। आजीवन कारावास केवल अत्यंत दुर्लभ मामलों में ही दिया जाता है। फ्रांसीसी कानून के तहत आजीवन कारावास की सजा को बहुत सख्त शर्तों के तहत 30 वर्ष के बाद समायोजित किया जा सकता है।
छात्रा का क्षत-विक्षत शव पेरिस स्थित उस इमारत के बाहर प्लास्टिक के ट्रंक में मिला था जहां वह और बेनकिरेड रहते थे। 14 अक्टूबर 2022 की शाम को उसने छात्रा को फुसलाकर अपने अपार्टमेंट में ले जाकर उसका यौन उत्पीड़न किया।
उसके शरीर को विकृत किया और टेप से दम घोंट दिया। लोला की मां ने अदालत के बाहर कहा, ''भले ही इससे मेरी लोला वापस न आए, हमें न्याय पर विश्वास था और हमें न्याय मिला।''

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