North Korea में खाद्य संकट, अधिकारियों ने कहा- 'भुखमरी से हो रही मौतें लेकिन अभी नहीं पड़ा अकाल'
उत्तर कोरिया में खाद्य पदार्थों की कमी नजर आ रही है। इसकी बात की अटकलें भी तेज हो गई है क्योंकि सरकार कृषि को लेकर नई प्लानिंग कर रही है। वहीं कुछ अधिकारियों का कहना है कि भुखमरी से अकाल जैसे संकेत नहीं दिख रहे हैं।
साउथ कोरिया, एजेंसी। कोरोना के बाद से उत्तर कोरिया में खाद्य संकट गहराता जा रहा है। इस बात की अटकलें एक बार फिर तेज होने लगी हैं क्योंकि देश के शीर्ष नेता एक सही कृषि नीति तैयार करने के महत्वपूर्ण और तत्काल कार्य पर चर्चा करने की तैयारी कर रहे हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, उत्तर कोरियाई क्षेत्र में एक बड़ी संख्या भुखमरी का शिकार हो गई हैं, लेकिन इसको लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि यह कोई अकाल का संकेत नहीं है।
फरवरी के अंत में होगी केंद्रीय समिति की एक विस्तृत बैठक
अधिकारियों का कहना है कि आगामी सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की बैठक का उद्देश्य उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के समर्थन को बढ़ाना है क्योंकि वह अमेरिका के नेतृत्व वाले दबाव और प्रतिबंधों की अवहेलना में अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहे हैं। फरवरी के अंत में वर्कर्स पार्टी की केंद्रीय समिति की एक विस्तृत बैठक होने वाली है। इस बैठका के एजेंडे की जानकारी नहीं है, लेकिन पार्टी के शक्तिशाली पोलित ब्यूरो ने पहले कहा था कि "कृषि विकास में आमूलचूल परिवर्तन को गतिशील रूप से बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ की आवश्यकता है।"
1990 के बाद से बनी हुई है ये स्थिति
उत्तर में सटीक स्थिति जानना मुश्किल है, क्योंकि महामारी के दौरान उसने अपनी सीमाओं को लगभग बंद रखा था। 1990 के दशक के मध्य में एक अकाल के कारण लाखों लोगों के मारे जाने के बाद से भोजन की कमी और आर्थिक कठिनाइयां बनी हुई हैं। 2011 के अंत में नेता के रूप में अपने पिता से पदभार ग्रहण करने के बाद अपने पहले सार्वजनिक भाषण में, किम ने कसम खाई थी कि उत्तर कोरियाई लोगों को खाद्य पदार्थों के लिए फिर कभी अपनी कमर कसनी नहीं पड़ेगी।
हर साल एक टन कम होता है भोजन उत्पादन
अपने शासन के पहले कई वर्षों के दौरान, किम ने अर्थव्यवस्था में मामूली वृद्धि हासिल की। दक्षिण कोरियाई अनुमानों ने उत्तर कोरिया के अनाज उत्पादन को पिछले साल लगभग 4.5 मिलियन टन बताया था, जो कि 2021 की तुलना में 3.8 प्रतिशत कम है। पिछले एक दशक में वार्षिक अनाज उत्पादन लगभग 4.4 मिलियन टन से 4.8 मिलियन टन तक ही स्थिर रहा है। उत्तर कोरिया को अपने 2.5 करोड़ लोगों को खिलाने के लिए लगभग 5.5 मिलियन टन अनाज की आवश्यकता है, इसलिए आमतौर पर हर साल लगभग 1 मिलियन टन अनाज कम ही होता है।
सीमा पार व्यापार पर अंकुश लगाने से आया खाद्या संकट
दक्षिण कोरिया में निजी जीएस एंड जे संस्थान के एक वरिष्ठ अर्थशास्त्री क्वोन का कहना है कि महामारी के कारण सीमा पार व्यापार पर अंकुश लगाने से चीन से अनौपचारिक चावल की खरीद में बाधा उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरियाई अधिकारियों द्वारा नियंत्रण को कड़ा करने और बाजार की गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के प्रयासों से भी स्थिति खराब हुई है।
नियमित वितरण न होने के कारण हुई ऐसी हुई कमी
दक्षिण कोरियाई एकीकरण मंत्रालय के एक प्रवक्ता, कू ब्योंगसम ने कहा कि उत्तर कोरियाई लोगों की एक अज्ञात संख्या भूख से मर गई है, लेकिन कहा कि यह समस्या 1990 के दशक के मध्य के अकाल की तरह गंभीर नहीं है। मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान खाद्य समस्या अनाज की पूर्ण कमी की तुलना में वितरण का अधिक मुद्दा है क्योंकि पिछले साल काटा गया अधिकांश अनाज अभी तक बचा हुआ है।
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