'ये मेरे आखिरी शब्द हैं' दक्षिण कोरिया में विमान दुर्घटना से पहले यात्री ने परिवार को भेजा था ये संदेश
दक्षिण कोरिया में हुई विमान दुर्घटना में 179 यात्रियों की मौत हो गई। अब इस हादसे से जुड़े कुछ यात्रियों के आखिरी क्षण को लेकर जानकारी सामने आई है। विमान में सवार एक यात्री ने प्लेन हादसे से पहले अपने रिश्तेदार को मैसेज कर बताया कि विमान के पंख में एक पक्षी फंस गया है। उस व्यक्ति ने कहा क्या ये मेरे आखिरी शब्द हैं?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दक्षिण कोरिया के मुआन अंतरर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक भयावह विमान दुर्घटना में कथित तौर पर दो को छोड़कर सभी यात्रियों की मौत हो गई। आपातकालीन अधिकारी के अनुसार, थाईलैंड के बैंकॉक से लौट रहे विमान में दक्षिणी दक्षिण कोरियाई शहर में हवाई अड्डे पर उतरते समय आग लग गई।
घटना का एक वीडियो ऑनलाइन सामने आया है जिसमें विमान रनवे पर फिसलकर दीवार से टकराता और उसके बाद एक जोरदार धमाका होता है। वहीं अब इस हादसे से जुड़े कुछ यात्रियों के आखिरी पलों को लेकर जानकारी सामने आई है। यात्रियों के आखिरी शब्द क्या थे, उनके साथ विमान क्रैश होने से पहले क्या हुआ। इसके बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।
यात्री ने रिश्तेदार को भेजा मैसेज
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विमान में सवार एक यात्री ने अपने रिश्तेदार को मैसेज कर बताया कि विमान के पंख में एक पक्षी फंस गया है। उस व्यक्ति के अंतिम शब्द थे, 'क्या मुझे अपने अंतिम शब्द कहने चाहिए?
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, 'मैंने विमान को उतरते हुए देखा और सोचा कि यह उतरने ही वाला है, तभी मेरी नजर बादलों की चमक पर पड़ी... फिर हवा में धुएं के साथ एक जोरदार धमाका हुआ और फिर मैंने सिलसिलेवार विस्फोटों की आवाज सुनी।' हवाई अड्डे से लगभग 4.5 किलोमीटर दूर टहलते हुए प्रत्यक्षदर्शी की तरफ से ये जानकारी सामने आई है।
कुछ सेकंड में हो गया सब कुछ...
किसी अन्य गवाह ने दुर्घटना से लगभग पांच मिनट पहले दो बार 'मेटल खुरचने' की आवाज सुनी थी। फिर, उस आदमी ने लैंडिंग में असफल होने के बाद विमान को ऊपर चढ़ते देखा, एक विस्फोट सुना, और आसमान में काला धुआं उड़ता देखा - यह सब कुछ- कुछ सेकंड के भीतर दिखाई दिया।
अग्निशमन विभाग का बयान
अग्निशमन विभाग ने दुर्घटना के संबंध में एक बयान जारी किया जिसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई। विभाग ने कहा, 'विमान लगभग पूरी तरह से नष्ट हो गया है और मृतकों की पहचान करना मुश्किल साबित हो रहा है। इस प्रक्रिया में समय लग रहा है क्योंकि हम अवशेषों का पता लगा रहे हैं और उन्हें ढूंढ रहे हैं।'
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