Move to Jagran APP

जानें- कैसे यूएन का गलत इस्‍तेमाल करने में लगा है पाकिस्‍तान, भारत ने सुरक्षा परिषद को चेताया

भारत के चार नागरिकों को अंतरराष्‍ट्रीय आतंकी घोषित करने की पाकिस्‍तान की मंशा पर पानी फेर दिया है। हालांकि ये घटना पिछले माह की है लेकिन अब भारत ने इसको लेकर संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद को चेताया है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2020 08:26 AM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 08:34 AM (IST)
जानें- कैसे यूएन का गलत इस्‍तेमाल करने में लगा है पाकिस्‍तान, भारत ने सुरक्षा परिषद को चेताया
संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्‍तान को भारत की लताड़

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों को प्रतिशोध के तहत निर्दोष नागरिकों का नाम आतंकी के रूप में सूचीबद्ध करने के लिए सुरक्षा परिषद का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। भारत ने 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत पाकिस्तान द्वारा चार भारतीय नागरिकों को सूचीबद्ध करने की असफल कोशिश का उल्लेख करते हुए कहा है।

loksabha election banner

पाकिस्तान ने सुरक्षा की परिषद 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत सूचीबद्ध करने लिए भारतीय नागरिकों अंगारा अप्पाजी, गोबिंदा पटनायक, अजॉय मिस्त्री और वेणुमाधव डोंगरा के नाम पेश किए थे। पाकिस्तान की यह कोशिश पिछले महीने उस समय नाकाम हो गई थी, जब अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और बेल्जियम ने अप्पाजी और पटनायक को सूचीबद्ध करने के कदम पर रोक लगा दी थी। सूत्रों के मुताबिक इन्हें सूचीबद्ध करने के लिए पाकिस्तान द्वारा कोई सुबूत भी नहीं दिया गया था।

इससे पहले मिस्त्री और डोंगरा को सूचीबद्ध करने के पाकिस्तान के प्रयास को जून/जुलाई के आसपास सुरक्षा परिषद ने रोक दिया था। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के फर्स्‍ट सेक्रेटरी और लीगल एडवाइजर यूएन येदला उमाशंकर ने कहा, ‘हम मानते हैं कि सुरक्षा परिषद अंतरराष्ट्रीय शांति और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एक प्रभावी मंच है, लेकिन यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सुबूतों के बिना निर्दोष नागरिकों के नाम को आतंकवादी के रूप में पेश किए जाने के लिए मंच का दुरुपयोग नहीं किया जाए।’

महासभा की छठी समिति में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को खत्म करने के उपाय पर बोलते हुए उमाशंकर ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, ‘भारत अपनी सीमाओं पर प्रायोजित आतंकवाद का शिकार रहा है और यह अभी भी जारी है। हमें अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच क्रूर संबंध का पहले से अनुभव है।’ उमाशंकर ने कहा कि भारत सभी रूपों में आतंकवाद की निंदा करता है और कोई भी कारण आतंकवाद को उचित नहीं ठहरा सकता है। इसमें राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद भी शामिल है। उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई आतंकवादियों और आतंकी संगठनों को खत्म करने तक सीमित नहीं होनी चाहिए बल्कि इसके लिए जिम्मेदार देशों को पहचानना/पकड़ना और जवाबदेह बनाना चाहिए।

ये भी पढ़ें:- 

पुलिस सुधार को नहीं बढ़े कदम तो हाथरस जैसी घटनाओं को रोकना होगा मुश्किल 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.