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    बांग्लादेश में फिर होगा तख्तापलट? मोहम्मद यूनुस का बड़ा एक्शन, आर्मी चीफ के रूस जाते ही सेना के 5 अधिकारी हाउस अरेस्ट

    बांग्लादेशी सेना के जिन अधिकारियों को नजरबंद किया गया है वह सेना के आला अफसर हैं। इन अफसरों पर छात्र आंदोलन में प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी का आदेश देने के आरोप लगाए गए हैं। सभी अधिकारियों को ढाका कैंटोनमेंट में नजरबंद कर दिया गया है। अफसरों पर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में आरोप लगाए हैं। जनरल हामिद पूर्व पीएम शेख हसीना के एडीसी भी थे।

    By Digital Desk Edited By: Chandan Kumar Updated: Fri, 11 Apr 2025 05:00 PM (IST)
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    बांग्लादेशी सेना के जिन अधिकारियों को नजरबंद किया गया है वह सेना के आला अफसर हैं। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश आर्मी चीफ जनरल वकार उज जमान 6 अप्रैल से 11 अप्रैल तक रूस के दौरे पर हैं। इस बीच उनके देश में बड़ा खेल हो गया। दरअसल ढाका बांग्लादेश में छात्र आंदोलन में कथित भूमिका को लेकर बांग्लादेशी सेना के 5 अफसरों को नजरबंद कर दिया गया है। इसमें ब्रिगेडियर जनरल इमरान हामिद, RAB से कर्नल अब्दुल्ला अल-मोमेन, ब्रिगेडियर जकारिया हुसैन, BGB के लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद रिदवानुल इस्लाम और ईस्ट बंगाल रेजिमेंट से मेजर मोहम्मद नोमान अल फारुक शामिल हैं।

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    ढाका के कैंटोनमेंट में नजरबंद किया गया

    बांग्लादेशी सेना के जिन अधिकारियों को नजरबंद किया गया है वह सेना के आला अफसर हैं। इन अफसरों पर छात्र आंदोलन में प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी का आदेश देने के आरोप लगाए गए हैं। सभी अधिकारियों को ढाका कैंटोनमेंट में नजरबंद कर दिया गया है। अफसरों पर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में आरोप लगाए हैं। जनरल हामिद पूर्व पीएम शेख हसीना के एडीसी भी थे। 

    शेख हसीना पर भी लटक रही तलवार

    बांग्लादेश की एक कोर्ट ने गुरुवार को भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व पीएम शेख हसीना, उनकी बेटी साइमा वाजेद पुतुल और 17 अन्य लोगों के खिलाफ नया गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इन पर धोखाधड़ी के जरिए आवासीय जमीन हासिल करने का आरोप लगाया गया है।

    सेना से मिले आवास में ही रहेंगे

    नॉर्थ- ईस्ट न्यूज़ ने बांग्लादेशी सेना के उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से बताया कि पांचों अधिकारियों को 'ओपन अरेस्ट के तहत रखा गया है, जिसका मतलब है कि वे 24 घंटे की "निगरानी" के तहत अपने सेना की ओर से दिए गए आवासों में ही रहेंगे। उन्हें अपने नियमित कर्तव्यों का पालन करने से रोक दिया गया है।

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