चीन की कमर तोड़ने की तैयारी में यूरोपियन यूनियन, जबरन मजदूरी करवाकर बने चीनी उत्पादों पर लग सकता है प्रतिबंध
यूरोपीय संघ के सांसदों ने चीन के शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिंता जताई है। दस्तावेज में कहा गया है इस तरह का प्रतिबंध उन उत्पादों पर लागू होना चाहिए जिनके उत्पादन के किसी भी स्तर पर जबरन मजदूरी करवाई गई है।

ब्रसेल्स, एजेंसियां: यूरोपीय यूनियन (ईयू) चीन की कमर तोड़ने की तैयारी कर रहा है। शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकारों के उल्लंघन से चिंतित 27 सदस्यीय ईयू चीन के उन उत्पादों पर प्रतिबंध लगा सकता है, जिसे जबरन मजदूरी करवा कर तैयार करवाया जा रहा है। बिजनेस रिकार्डर की रिपोर्ट के अनुसार, जबरन मजदूरी से बने उत्पादों को यूरोपीय संघ के नियमों के मसौदे के तहत प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
यूरोपीय संघ के सांसदों ने चीन के शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिंता जताई है। दस्तावेज में कहा गया है, 'इस तरह का प्रतिबंध उन उत्पादों पर लागू होना चाहिए जिनके उत्पादन के किसी भी स्तर पर जबरन मजदूरी करवाई गई है।' ये नियम आयातकों, उत्पादकों और उत्पाद आपूर्तिकर्ताओं पर असर डालेंगे।
बिजनेस रिकार्डर ने बताया कि इस मसौदे को कानून बनाने से पहले ईयू के देशों के साथ विस्तृत चर्चा करनी होगी। हालांकि, यह साबित करने की जिम्मेदारी सरकारी अधिकारियों की है कि उत्पादों को बनाने के लिए लोगों से जबरन मजदूरी नहीं कराई गई। रिपोर्ट में बताया गया कि उइगर, कजाख और अन्य समूहों को चीनी राज्य में अनिवार्य जबरन मजदूरी कराया जाता है। उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है। उन्हें अपमानित किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने भी चीन में मुस्लिम उइगरों के जबरन मजदूरी के बारे में चिंता जताई है।
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