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    ईयू शिखर बैठक की तैयारी पूरी, अमेरिका के बदले रुख के साए में यूरोप की परीक्षा

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 07:22 AM (IST)

    साल 2025 के अंत तक यूरोप के सामने एक कड़वी हकीकत साफ हो चुकी है। दशकों तक सबसे भरोसेमंद सहयोगी रहा अमेरिका अब यूरोपीय संघ (ईयू) की एकजुटता, अर्थव्यवस् ...और पढ़ें

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    ईयू शिखर बैठक की तैयारी पूरी, अमेरिका के बदले रुख के साए में यूरोप की परीक्षा (फोटो- रॉयटर)

    एपी, ब्रसेल्स। साल 2025 के अंत तक यूरोप के सामने एक कड़वी हकीकत साफ हो चुकी है। दशकों तक सबसे भरोसेमंद सहयोगी रहा अमेरिका अब यूरोपीय संघ (ईयू) की एकजुटता, अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और यहां तक कि लोकतांत्रिक मूल्यों को भी चुनौती देता नजर आ रहा है। इसी बदले वैश्विक परिदृश्य के बीच इस सप्ताह ईयू की अहम शिखर बैठक होने जा रही है, जो एक असाधारण रूप से कठिन वर्ष का समापन करेगी।

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    पिछले सप्ताह यूरोप में रूसी संपत्तियों को अनिश्चितकाल के लिए फ्रीज करने के बाद, अब गुरुवार को होने वाली इस बैठक में ईयू नेताओं के सामने एक और कड़ा इम्तिहान है। यूक्रेन गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और यूरोपीय नेताओं ने अगले दो वर्षों तक कीव की आर्थिक और सैन्य जरूरतें पूरी करने का वादा किया है।

    इसके लिए नए पुनर्भुगतान ऋण (रेपरेशंस लोन) की संभावना पर चर्चा हो रही है।यूरोप के सामने खुद को साबित करने की चुनौती डेनमार्क के विदेश मंत्री लार्स लोके रासमुसेन ने इसे यूरोप और यूक्रेन के लिए निर्णायक समय बताया।

    उन्होंने कहा कि यह फैसला न सिर्फ यूक्रेन की अर्थव्यवस्था को सुरक्षित करेगा, बल्कि वाशिंगटन के व्हाइट हाउस समेत पूरी दुनिया को यह संकेत देगा कि यूरोप एक मजबूत भू-राजनीतिक दावेदार है।

    महाद्वीप में दशकों के सबसे बड़े जमीनी युद्ध के बीच यूरोप को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों, यूरोप के दक्षिणपंथी दलों के प्रति उनके समर्थन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से उनकी नजदीकियों ने लगातार परखा है। शुरुआती दौर में यूरोपीय नेताओं ने नरम रुख अपनाया, लेकिन हाल के महीनों में यह रणनीति कमजोर पड़ती दिखी है।

    ट्रंप के लिए रूस बनाम यूरोप की रस्साकसी

    जनवरी से अब तक ट्रंप का रुख यूक्रेन और रूस के बीच झूलता रहा- कभी कीव के समर्थन में, तो कभी मास्को के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए। यूरोप पर उनकी आलोचना लगातार तीखी होती गई है। हालांकि यूरोपीय नेता मानते हैं कि अमेरिका अब भी अपूरणीय साझेदार है और पुतिन से शांति वार्ता के लिए ट्रंप ही शायद एकमात्र पश्चिमी नेता हों।

    ट्रंप के सत्ता में लौटने के कुछ ही हफ्तों बाद उनके प्रशासन ने संकेत दे दिया था कि अमेरिकी सुरक्षा हित अब कहीं और हैं और यूरोप को अपनी तथा यूक्रेन की सुरक्षा खुद संभालनी होगी। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के बयानों और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में यूरोप की आलोचना ने इस दूरी को और गहरा किया।

    यूरोप पर रक्षा खर्च बढ़ाने का भी दबाव व्यापार और रक्षा के मोर्चे पर भी असर साफ है। अमेरिकी टैरिफ और युद्ध समाप्ति की विवादित योजनाओं के बीच ईयू ने एशिया समेत अन्य साझेदारों की ओर रुख किया है।

    नाटो में रक्षा खर्च बढ़ाने पर सहमति बनी

    साथ ही नाटो में रक्षा खर्च बढ़ाने पर सहमति बनी है और ईयू ने 2030 तक आत्मरक्षा में सक्षम बनने का लक्ष्य रखा है। यूरोप ने 2035 तक रक्षा खर्च जीडीपी का पांच प्रतिशत करने का वादा किया है। वर्तमान में वह दो प्रतिशत भी रक्षा पर खर्च नहीं कर रहा है। अधिकारियों को आशंका है कि यूक्रेन को हराने के बाद पुतिन यूरोप पर हमला बोल सकते हैं।