'ऐसा लगा जैसे कोई बम फटा हो...', इथियोपिया में ज्वालामुखी विस्फोट पर क्या बोले चश्मदीद?
इथियोपिया में 10 हजार साल बाद एक शांत ज्वालामुखी फटा, जिससे आसमान में 14 किमी तक राख और धुएं का गुबार फैल गया। अफदेरा गांव पूरी तरह से राख से ढक गया। चश्मदीदों के अनुसार, यह विस्फोट किसी बम फटने जैसा था। पर्यटकों और स्थानीय लोगों को आर्थिक नुकसान का डर है। राख भारत और पाकिस्तान तक पहुंच गई है।

राख और धुएं का गुबार आसमान में करीब 14 किमी तक ऊपर उठा (फोटो: @theinformant_x)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इथियोपिया में करीब 10 हजार साल से शांत ज्वालामुखी में रविवार को अचानक विस्फोट हो गया। इससे राख और धुएं का गुबार आसमान में करीब 14 किमी तक ऊपर उठा और लाल सागर के पार यमन और ओमान की तरफ बढ़ा। यहां से होते हुए यह भारत तक आया और अब इसके नेपाल होते हुए चीन तक पहुंचने की संभावना है।
इथियोपिया में जिस जगह यह ज्वालामुखी फटा है, वहां अफदेरा गांव है। यह एक टूरिस्ट स्पॉट है और ज्वालामुखी के फटने के साथ ही पूरा गांव राख से ढक गया। एक स्थानीय अहमद अब्देला ने बताया कि ज्वालामुखी के फटने के बाद एक तेज आवाज आई तो शॉक वेव थी।
राख से ढक गए गांव
अब्देला ने कहा, 'ऐसा लगा जैसे कोई बम अचानक फेंका गया हो और उसमें धुआं और राख हो।' उन्होंने बताया कि सोमवार को भी अफदेरा गांव राख से ढका हुआ था। पास के डानाकिल रेगिस्तान जा रहे टूरिस्ट और गाइड गांव में फंसे हुए हैं।
इस ज्वालामुखी विस्फोट में कोई हताहत नहीं हुआ है, लेकिन स्थानीय पशुपालकों के समुदाय पर आर्थिक असर पड़ सकता है। न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक, ज्वालामुखी विस्फोट के बाद वहां रहने वालों को रोजी-रोजी का डर सताने लगा है।
कई गांव राख से ढके हुए हैं और जानवरों के पास खाने के लिए न के बराबर कुछ बचा है। राख भारत और पाकिस्तान की तरफ बह रही है। मिशिगन टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में ज्वालामुखी विशेषज्ञ और प्रोफेसर साइमन कार्न ने ब्लूस्काई पर कन्फर्म किया कि हेली गुब्बी में होलोसीन विस्फोटों का कोई रिकॉर्ड नहीं है।

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