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    यूक्रेन में ऊर्जा संकट की आंच राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की तक पहुंची, विपक्ष ने खोला मोर्चा, जनता में आक्रोश

    By AgencyEdited By: Ramesh Mishra
    Updated: Mon, 28 Nov 2022 08:12 PM (IST)

    यूक्रेन में बर्फबारी के बीच लोगों को ऊर्जा संकट का सामना करना पड़ रहा है। अब इस संकट की आंच राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की तक पहुंच रही है। यूक्रेन जंग के बीच यूक्रेनी राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की के खिलाफ पहली बार जनता में आक्रोश दिखा है।

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    यूक्रेन में ऊर्जा संकट की आंच राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की तक पहुंची। एजेंसी।

    कीव, एजेंसी। यूक्रेन में बर्फबारी के बीच लोगों को ऊर्जा संकट का सामना करना पड़ रहा है। अब इस संकट की आंच राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की तक पहुंच रही है। यूक्रेन जंग के बीच यूक्रेनी राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की के खिलाफ पहली बार जनता में आक्रोश दिखा है। यूक्रेन के कई शहरों में राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की के खिलाफ विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है। उधर, यूक्रेन की राजधानी कीव सहित विनितसिया, माइकोलोव और ओडेसा शहरों में प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन को देखते हुए मार्शल ला लागू कर दिया गया है।

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    उधर, यूक्रेन में सभी प्रमुख विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया है। विक्तोर मेदवेचुक जैसे विपक्षी नेता को जेल में डाला गया, लेकिन बाद में वह जेल से भाग गए। राष्‍ट्रपति जेलेंस्की ने 11 प्रमुख विपक्षी दलों की मान्यता खत्म कर दी है। इनमें विपक्षी दल फार लाइफ पार्टी (एफएलपी) भी सम्‍मलित है। बता दें कि संसद में एफएलपी सबसे बड़ी विपक्षी राजनीतिक पार्टी है। विपक्षी पार्टियों की मान्यता खत्म करते हुए जेलेंस्की ने यह तर्क दिया है कि ये राजनीतिक दल रूस समर्थक हैं।

    उधर, यूक्रेन में विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विपक्ष का आरोप है कि यूक्रेन जंग के दौरान जेलेंस्‍की की लोकप्रियता में गिरावट आई है। इसके चलते राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की ने विपक्ष पर शिंकजा कसा है। विपक्ष का कहना है कि जेलेंस्‍की की पार्टी सर्वेन्‍ट आफ द पीपुल्‍स के नेता अपना जनाधार खो रहे हैं। अब युद्ध ज्‍यादा खिंचने पर जेलेंस्‍की को वर्ष 2024 में प्रस्‍तावित चुनाव में लाभ मिलने की संभावना है।

    यूक्रेन जंग के दौरान राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की ने सभी न‍िजी टेलीविजन का राष्‍ट्रीयकरण कर दिया। चैनलों को नियंत्रित करने के लिए यूक्रेन में इंटिग्रेटिड इफारमेशन पालिसी पास किया गया है। इस कानून के बाद सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर वार फुटेज नहीं डाले जा सकते हैं।