धरती का लगातार तीसरा सबसे गर्म दिन रहा पांच जुलाई, जलवायु परिवर्तन और अलनीनो पैटर्न रही मुख्य वजह
वैज्ञानिकों का कहना है कि कोयला प्राकृतिक गैस और तेल जैसे जीवाश्य ईंधन के इस्तेमाल ने वातावरण को गर्म किया है। उत्तरी अटलांटिक में इस साल रिकार्ड गर्मी देखी गई है। विज्ञानियों का कहना है कि आने वाले दिनों में औसत तापमान में और बढ़ोतरी हो सकती है और इसमें हैरानी वाली कोई बात नहीं होगी। ( जागरण- फोटो )

न्यूयार्क, एपी। महीनों पहले वैज्ञानिकों द्वारा दी गई चेतावनी कि 2023 में रिकार्ड गर्मी रहेगी, एक दम सही साबित हो रही है। पांच जुलाई यानी बुधवार धरती का लगातार तीसरा सबसे गर्म दिन रहा। बुधवार को धरती का औसत तापमान रिकार्ड 17.18 डिग्री सेल्सियस (62.9 डिग्री फारेन्हाइट) दर्ज किया गया।
जलवायु परिवर्तन और अलनीनो पैटर्न को इसकी वजह माना जा रहा
इसने एक रोज पूर्व मंगलवार के औसत तापमान की बराबरी की। यानी पिछले दो दिन अब तक धरती के सबसे गर्म दिन रहे हैं। सोमवार को औसत तापमान 17.01 डिग्री सेल्सियस (62.6 डिग्री फारेन्हाइट) दर्ज किया गया था। मानव जनित जलवायु परिवर्तन और अलनीनो पैटर्न को इसकी वजह माना जा रहा है।
क्या कहना है वैज्ञानिकों का?
वैज्ञानिकों का कहना है कि कोयला, प्राकृतिक गैस और तेल जैसे जीवाश्य ईंधन के इस्तेमाल ने वातावरण को गर्म किया है। उत्तरी अटलांटिक में इस साल रिकार्ड गर्मी देखी गई है। विज्ञानियों का कहना है कि आने वाले दिनों में औसत तापमान में और बढ़ोतरी हो सकती है और इसमें हैरानी वाली कोई बात नहीं होगी।
ग्लोबल वार्मिंग हमें एक गर्म भविष्य की ओर धकेल रही : वैज्ञानिक
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के जलवायु वैज्ञानिक क्रिस फील्ड, जो गणना का हिस्सा नहीं थे, ने कहा, "इस तरह का रिकॉर्ड अब बड़े पैमाने पर समर्थित प्रस्ताव का एक और सबूत है कि ग्लोबल वार्मिंग हमें एक गर्म भविष्य की ओर धकेल रही है।"
वहीं, क्लाइमेट रिएनलाइजर के निर्माता, मेन विश्वविद्यालय के जलवायु वैज्ञानिक सीन बिर्कले ने कहा कि दैनिक आंकड़े अनौपचारिक हैं, लेकिन गर्म हो रही दुनिया में क्या हो रहा है, इसका यह एक उपयोगी स्नैपशॉट है।
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