रहिए सावधान, कान की खराबी से भी हो सकता है माइग्रेन की समस्या!
कान की तंत्रिका में खराबी के कारण माइग्रेन की शिकायत हो सकती है। खासतौर से माइग्रेन के मरीजों में कान बजने की शिकायत ज्यादा होती है।
ताइपे (आईएएनएस)| माइग्रेन आज के समय में एक आम बीमारी बन गई है। हर चौथा व्यक्ति माइग्रेन से परेशान है। अंतर बस इतना है कि किसी को यह समस्या ज्यादा है तो किसी को कम। माइग्रेन का मुख्य कारण हार्मोनल परिवर्तन, तनाव, कैफीन और शराब होते हैं। लेकिन हाल ही में एक शोध में पाया गया है कि कान की खराबी के कारण भी माइग्रेन की समस्या हो सकती है।
माइग्रेन से पीड़ित लोगों को कान बजने की शिकायत के साथ-साथ कान के भीतरी हिस्से में कोई विकार भी हो सकता है। माइग्रेन में आधे सिर में दर्द की शिकायत होती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि कान की तंत्रिका में खराबी के कारण माइग्रेन की शिकायत हो सकती है। खासतौर से माइग्रेन के मरीजों में कान बजने की शिकायत ज्यादा होती है।
ताईवान के डलिन त्जू ची अस्पताल के जुएन हाउर व्हांग समेत शोधकर्ताओं ने कहा, 'शोध से कान की तंत्रिका यानी कॉक्लीयर माइग्रेन के बारे में पता लगाने में मदद मिल सकती है।' कान की तंत्रिका संबंधी विकृति से कान का भीतरी हिस्सा प्रभावित होता है। इसी हिस्से में झनझनाहट या कान बजने की शिकायत होती है जिसे सेंसोरीन्यूरल हियरिंग इंपेयरमेंट कहते हैं। इससे अचानक बहरापन भी पैदा हो सकता है।
यह शोध जामा ऑटोलेरिंगोलोजी जर्नल में प्रकाशित हुआ है। शोध में शामिल लोगों में 1,056 मरीज शामिल थे, जिन्हें माइग्रेन की शिकायत थी। इसके अलावा टीम में 4,224 लोग ऐसे थे जिन्हें माइग्रेन की शिकायत नहीं थी। माइग्रेन के मरीजों में कान की विकृति माइग्रेन रहित लोगों की तुलना में 12.2 फीसदी अधिक पाई गई।
जानिए क्या है माईग्रेन
माइग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द है जिसमें सिर के दोनों या एक ओर रुक रुक कर भयानक दर्द होता है। माइग्रेन 2 घंटे से लेकर कई दिनों तक बना रहता है। माइग्रेन सिरदर्द दूसरें सिरदर्द की तुलना में अधिक होता है। माइग्रेन मूल रूप से न्यूरोलॉजिकल समस्या है। शरीर में कुछ न्यूरोट्रांसमीटर का उत्पादन भी माइग्रेन का कारण हो सकता है। माइग्रेन के समय दिमाग में रक्त का संचार बढ़ जाता है जिससे व्यक्ति को तेज सिरदर्द होने लगता है।
खतरनाक बीमारी है माईग्रेन
माइग्रेन को लोग आमतौर पर बीमारी न मानकर सामान्य सी तकलीफ समझ नजरअंदाज कर देते है। लंबे वक्त के बाद ये काफी तकलीफदेह साबित हो सकता है। सिर दर्द के साथ-साथ चक्कर आना, गैस बनना, जी मिचलना और उल्टी आना स्वाभाविक है। माइग्रेन के कारण आवाज से चिढ़ होने लगती है। उजाले से भी भागने का मन करता है। उच्च और निम्न बल्डप्रेशर के रोगियों में माइग्रेन की समस्या बढ़ने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।