पुतिन-सद्दाम समेत ये रहे दुनिया के वो 5 बड़ी शख्सियत, जो हमेशा रखते थे अपने बॉडी डबल; बेहद दिलचस्प है इसके पीछे की कहानी
अलास्का में डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें उनके पैर कांपते दिखे। लोगों ने इसे जेली लेग्स कहा। कुछ ने इसे बीमारी बताया तो कुछ ने हमशक्ल होने की बात कही। इतिहास में कई नेताओं ने सुरक्षा के लिए हमशक्लों का इस्तेमाल किया है। इस आर्टिकल में कहानी उन्हीं की कहानी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तूफान की तरह वायरल हो गया। इस वीडियो में पुतिन का पैर अजीब तरह से कांपता दिख रहा है, जिसे लोग ‘जेली लेग्स’ कह रहे हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद ट्रंप से बातचीत के दौरान पुतिन का घुटना बार-बार हिल रहा था और उनका बायां पैर ऊपर-नीचे होता दिखा।
यह दृश्य देखकर दुनिया भर में साजिशों की थ्योरीज ने जोर पकड़ लिया। कोई इसे रहस्यमयी बीमारी बता रहा है, तो कोई कह रहा है कि यह पुतिन नहीं, बल्कि उनका हमशक्ल था। इस वीडियो ने यूक्रेनी सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनलों में इस बहस को और गर्म कर दिया।
वहीं, कुछ ने दावा किया कि पुतिन ने अपनी पॉशचर बेहतर दिखाने के लिए ‘एक्सोस्केलेटन’ डिवाइस पहनी थी। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की हुई कि क्या पुतिन ने अपनी जगह किसी हमशक्ल को भेजा था? इसका जवाब तो पुतिन ही जानते होंगे लेकिन हम आपको इतिहास में कुछ ऐसी ताकतवर हस्तियों के नाम बताएंगे जिन्होंने अपनी जगह पर किसी और शख्स को बॉडी डबल की तरह इस्तेमाल किया था।
इस आर्टिकल में हम आपके ऐसे ही कुछ लोगों के नाम और उनके हमशक्लों को लेकर किये जाने वाले दावे और थ्योरी के बारे में बताएंगे।
अतीत में कई शक्तिशाली शख्सियतों ने भी रखा था अपने लिए हमशक्ल
इतिहास में कई बड़े नेताओं ने सुरक्षा के लिए हमशक्लों का इस्तेमाल किया है। मिसाल के तौर पर, सोवियत संघ के तानाशाह जोसेफ स्टालिन के कई हमशक्ल थे।
1940 के दशक में उनके हमशक्ल फेलिक्स दादायेव ने कई बार उनकी जगह ली, जैसे तेहरान और याल्टा सम्मेलनों में। दादायेव को मेकअप और ट्रेनिंग से स्टालिन की तरह बनाया गया था।
कहा जाता है कि उस समय दादायेव केवल 24 वर्ष के थे जबकि स्टालिन 60 वर्ष के थे। उम्र में 40 साल के अंतर के बावजूद, दादायेव ने मेकअप और स्टालिन के हाव-भाव के गहन अध्ययन के जरिए स्टालिन के बॉडी डबल के रूप में काम किया था।
दादायेव ने बताया कि उन्हें ज़्यादातर स्टालिन की जगह खड़ा रहना पड़ता था और शायद ही कभी बोलना या कोई फैसला लेना पड़ता था। स्टालिन के सफर के दौरान उन्हें अक्सर फर्जी गाड़ियों में बिठाया जाता था ताकि उन पर नजर रखने वाले जासूसों को चकमा दिया जा सके।
भले ही दादायेव स्टालिन की छांव की तरह थे और उनकी जगह पर हमशक्ल के तौर पर काम करते थे लेकिन दोनों की आमने-सामने की मुलाकात महज एक ही बार हो सकी थी।
बर्नार्ड मोंटगोमरी
बर्नार्ड मोंटगोमरी द्वितीय विश्व युद्ध के सबसे सफल ब्रिटिश कमांडरों में से एक थे। उन्हें उनकी रणनीतिक बुद्धिमत्ता, मजबूत नेतृत्व क्षमता और अद्वितीय आत्मविश्वासी व्यक्तित्व के लिए जाना जाता था। इसके अलावा, उन्हें "मोंटी पायथन" के नाम से भी जाना जाता है।
कहा जाता है कि बर्नार्ड मोंटगोमरी की साख द्वितीय विश्व युद्ध के आसपास ऐसे कमांडर की थी जिसपर जंग का सारा दारोमदार था। साल 1944 में, मित्र राष्ट्र जर्मन-कब्जे वाले नॉरमैंडी पर आक्रमण करने की योजना बना रहे थे। इसलिए बर्नार्ड ने जर्मनों को धोखा देने के लिए एक हमशक्ल ढूंढ निकाला।
कहा जाता है इस शख्स का नाम क्लिफ्टन जेम्स था। अभिनेता से ब्रिटिश सैनिक बने जेम्स को इसलिए बर्नार्ड का हमशक्ल चुना गया क्योंकि वह बहुत हद तक उनकी तरह दिखता था।
मोंटगोमरी के तौर-तरीकों का एक क्रैश कोर्स करने के बाद, जेम्स जर्मनों की आंखों धूल झोंकने के लिए बिल्कुल तैयार था। इसके बाद जब जर्मन उत्तरी फ्रांस पर आक्रमण की आशंका जता रहे थे, मोंटगोमरी के जिब्राल्टर और अल्जीरिया में होने की खबरें आईं।
लेकिन असली मोंटगोमरी अभी भी दक्षिणी इंग्लैंड में नॉरमैंडी पर आक्रमण की तैयारी कर रहा था। कहा जाता है कि जेम्स के बाद मोंटगोमरी का एक और डबल था, जिसकी नकल टेक्स बैनवेल नाम के एक व्यक्ति ने की थी।
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय
30 सालों तक एला स्लैक नाम की एक महिला महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के लिए कार्यक्रमों और समारोहों के रिहर्सल में उनकी जगह लेती रहीं थी।
हालांकि वह महारानी की ओर से शाही कार्यक्रमों में शामिल नहीं होतीं, लेकिन बड़े आयोजनों के रिहर्सल के दौरान वह एक तरह से उनकी बॉडी डबल की भूमिका निभाती थीं। महारानी का कार्यक्रम बहुत व्यस्त होने के कारण, वह हमेशा अभ्यास सत्रों में शामिल नहीं हो पातीं और ऐसे समय में स्लैक की ज़रूरत पड़ती थीं।
महारानी के बॉडी डबल रखने की बात खुली किताब की तरह थी। स्लैक महारानी की तरह नहीं दिखती थी लेकिन उनकी कद काठी की होने की वजह से उसे प्रतीकात्मक तौर पर उनकी जगह लेना होना था।
स्लैक स्टैंड इन क्वीन की तरह व्यवहार करती थी। स्लैक ब्रितानी समाचार प्रसारक बीबीसी के लिए काम करती थी। यह किस्सा सुनाते हुए स्लैक ने एक बार एक इंटरव्यू में कहा था, "मैं शायद पचास से ज़्यादा बार 'स्टैंड इन' क्वीन रह चुकी हूं। मैं उनकी हमशक्ल नहीं हूं। मैं क्वीन जैसी नहीं दिखती लेकिन कद-काठी और कद-काठी में वैसी ही हूं।"
स्लैक ने कहा था, "मुझे कभी भी हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सिंहासन पर बैठने की इजाजत नहीं दी गई, मुझे उसके ऊपर छिपकर रहना पड़ता है। यह बहुत सख्त नियम है।"
सद्दाम हुसैन
इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन के लिए कहा जाता था कि वह एक ही वक्त में कई जगहों पर मौजूद होता था। ऐसी कई थ्योरी थी कि अमेरिकी सेना उसे मारने के लिए कई बार सेना भेजती थी लेकिन हमशक्लों से चकमा खा जाती थी।
सद्दाम हुसैन अपने हमशक्लों के इस्तेमाल के लिए इतना प्रसिद्ध था कि उसकी मौत मृत्यु के बाद रक्षा सचिव डोनाल्ड एच. रम्सफील्ड ने उनकी पहचान सार्वजनिक रूप से कराने का निर्णय लिया।
हालांकि सद्दाम हुसैन बॉडी डबल का इस्तेमाल करता था इसे लेकर कोई पुख्ता सबूत सीआईए के हाथ भी नहीं लगी थी, लेकिन सद्दाम के बेटे उदय हुसैन अपने लिए हमशक्ल का इस्तेमाल करता था। इस बात का खुलासा खुद लतीफ याहिया नाम के एक शख्स ने की थी।
फिदेल कास्त्रो
क्यूबा क्रांति के नेता और पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो को कम्यूनिस्ट क्यूबा का जनक माना जाता है। कहा जाता है कि कास्रो पर उनके जीवन भर में 634 हमले हुए लेकिन उन्होंने सुझ-बुझ और हमशक्लों के जरिए मौत को मात दे दिया।
जुआन रेनाल्डो सांचेज की किताब द डबल लाइफ ऑफ फिदेल कास्त्रो, माय 17 इयर्स एज पर्सनल बॉडी गार्ड टू एल लिडर मैक्सिमो में कास्त्रो की सुरक्षा टीम के पूर्व सदस्य ने फिदेल कास्त्रो के बारे में कई ऐसी बातें दुनिया के सामने रखी हैं।
सांचेज ने किताब में बताया कि 1980 के दशक में कैंसरग्रस्त अल्सर से उबरने के दौरान कास्त्रो ने एक बॉडी डबल का इस्तेमाल किया था। जहरीले सिगार, विस्फोटक सिगरेट, पेन, कोल्डक्रीम जैसे तरीकों के जरिए फिदेल को सैंकड़ों बार मारने की कोशिश की गई थी।
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