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    तालिबान में गुटों के बीच मतभेद सामने आए, अब अगले हफ्ते होगा सरकार का गठन, दो बार टली डेट

    By Ramesh MishraEdited By:
    Updated: Sat, 04 Sep 2021 07:31 PM (IST)

    तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकूब और सिराजुद्दीन हक्कानी के बीच सैनिकों और हथियारों के नियंत्रण को लेकर अनबन की खबरें चल रही हैं। खुफिया अधिकारियों के मुताबिक न्याय धार्मिक मामलों और आंतरिक सुरक्षा विभागों को लेकर दोनों गुटों में मतभेद कायम है।

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    तालिबान में गुटों के बीच मतभेद सामने आए, अब अगले हफ्ते होगा सरकार का गठन।

    काबुल, एजेंसी। अफगानिस्तान में तालिबान सरकार का गठन फिर टल गया है। शनिवार को तालिबान ने अफगानिस्तान में एक नई सरकार के गठन को अगले हफ्ते के लिए टाल दिया है। तालिबानी प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि तालिबान द्वारा एक व्यापक और समावेशी सरकार को आकार देने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। मुजाहिद ने कहा कि तालिबान एक ऐसी सरकार का गठन करना चाहता है, जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय मान्यता दे सके। बता दें कि न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने तालिबान के हवाले से दावा किया था कि काबुल में शुक्रवार को तालिबानी अपनी नई सरकार का गठन करेंगे, लेकिन देर शाम कुछ वजहों से ऐसा नहीं हो पाया। इसके बाद तालिबानी प्रवक्ता ने शनिवार को नई सरकार के गठन की बात कही, लेकिन आज भी ये टल गया।

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    गुटों के बीच मतभेद तालिबान सरकार के गठन में बड़ी बाधा

    उधर, तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकूब और सिराजुद्दीन हक्कानी के बीच सैनिकों और हथियारों के नियंत्रण को लेकर अनबन की खबरें चल रही हैं। खुफिया अधिकारियों के मुताबिक न्याय, धार्मिक मामलों और आंतरिक सुरक्षा विभागों को लेकर दोनों गुटों में मतभेद कायम है। इन तमाम चुनौतियों के बीच तालिबान की सरकार गठन की राह आसान नहीं दिख रही है।

    खलील हक्कानी ने बताया सरकार के गठन में देरी क्‍यों

    • सरकार के गठन पर विभिन्न समूहों के साथ बातचीत के लिए तालिबान द्वारा गठित एक समिति के सदस्य खलील हक्कानी ने बताया तालिबान अपनी खुद की सरकार बना सकता है, लेकिन अब वे एक ऐसा प्रशासन बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिसमें समाज के सभी दलों, समूहों और वर्गों का उचित प्रतिनिधित्व हो।
    • हक्कानी ने कहा कि तालिबान एक व्यापक-आधारित सरकार बनाना चाह रहा है। तालिबान एक ऐसी सरकार चाहता है, जहां सभी की भागीदारी हो और इसे दुनिया स्वीकार करे। उन्‍होंने कहा कि इसके चलते सरकार गठन की प्रक्रिया में देरी हो रही है।
    • इस बीच हक्कानी ने स्वीकार किया कि दुनिया में तालिबान को अकेले मान्यता नहीं दी सकती है। उन्होंने कहा, अफगानिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और जमीयत-ए-इस्लामी अफगानिस्तान के प्रमुख गुलबुद्दीन हिकमतयार और पूर्व अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के भाई को तालिबान सरकार में प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। इन लोगों ने तालिबान को अपना समर्थन देने की घोषणा की है।
    • उन्होंने कहा कि तालिबान अन्य हितधारकों के साथ बातचीत करने की प्रक्रिया में है, ताकि उनकी सरकार के लिए उनका समर्थन मांगा जा सके। इससे पहले सूत्रों ने बताया था कि मुल्ला बरादर देश का प्रमुख बन सकता है।