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    रूसी तेल खरीदना बंद कर सकता है चेक गणराज्य, रूबेल में भुगतान करने पर जताई आपत्ति

    By Piyush KumarEdited By:
    Updated: Tue, 03 May 2022 02:12 PM (IST)

    चेक गणराज्य के उद्योग और व्यापार मंत्री जोसेफ सिकेला ने कहा है कि चेक गणराज्य रूस से गैस खरीदने के लिए रूसी मुद्रा रूबेल में भुगतान नहीं करेगा। वहीं रूसी राष्ट्रपति ने घोषणा की है कि गैर-मित्र देशों को तेल का भुगतान रूबेल में ही करना होगा।

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    रूस के गैस पाइपलाइन की फाइल फोटो

    प्राग, एएनआइ। रूस द्वारा यूक्रेन पर किए जा रहे हमले के खिलाफ यूरोपीय देशों ने कमर कस ली है। इस बीच बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में ऊर्जा मामलों का प्रभार संभाल रहे यूरोपिय संघ के मंत्रियों की बैठक हुई। बैठक के दौरान चेक गणराज्य के उद्योग और व्यापार मंत्री जोजेफ सिकेला ने कहा 'हमारा देश रूस से गैस खरीदने के लिए रूसी मुद्रा रूबेल में भुगतान नहीं करेगा।' सिकेल ने कहा कि चेक गणराज्य, यूरो (यूरोपीय संघ की आधिकारिक मुद्रा) में गैस के लिए भुगतान करने का इरादा रखता है, खासकर जब हम इसका अधिकांश हिस्सा पश्चिमी यूरोपीय एक्सचेंजों पर खरीदते आए हैं।

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    साल 2022 के अंत तक रूस से तेल खरीदना बंद

    उन्होंने आगे कहा कि चेक कंपनी 'साईजेड' (CEZ) ही एकमात्र कंपनी है जो रूसी संग से गैस खरीदती है। इसके अलावा यह कंपनी यूरो में भुगतान करती रही है और भविष्य में भी यूरो में ही करती रहेगी। गौरतलब है कि सिकेल ने यह भी कहा कि हमारा देश कुछ शर्तों के तहत 2022 के अंत तक रूस से तेल खरीदना बंद कर सकता है।

    रूस द्वारा रूबेल में भुगतान करने की मांग 

    बता दें कि 23 मार्च को रूसी राष्ट्रपति ने एक सरकारी आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि रूस के गैर-मित्र देशों को 1 अप्रैल से रूसी गैस के लिए रूबेल में भुगतान करना होगा। अगर भुगतान रूबेल में नहीं किए गए तो उनके अनुबंध रोक दिए जांएगे। उन्होंने आगे कहा कि अगर रूबेल में भुगतान नहीं किए गए, तो हम इसे खरीदारों की ओर से एक डिफाल्ट मानेंगे। दरअसल, यूरोपीय यूनियन सहित कई पश्चिमी देशों ने यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं। इसके चलते रूस की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है।

    रूस के गैस पर निर्भर हैं यूरोपियन यूनियन

    इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) के मुताबिक, यूरोपीयन यूनियन ने 2021 में जितनी गैस निर्यात की, उसमें से 45 फीसदी गैस रूस से आई थी। गौरतलब है कि रूस की गैस यूरोपियन यूनियन के देशों की जरूरत को 40 फीसदी पूरा करती है।