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    'ग्रे लिस्ट से बाहर आने का मतलब यह नहीं कि आतंकवाद को वित्तपोषित करते रहो', FTF ने पाकिस्तान को चेताया

    Updated: Sat, 25 Oct 2025 05:55 AM (IST)

     यह किसी से छुपा नहीं है पाकिस्तान किस तरह से आतंकियों को अपने देश में संरक्षण देता है। आज भी हजारों आतंकी पाकिस्तान में खुले घूम रहे हैं। वहीं, अब वैश्विक आतंकी वित्तपोषण पर नजर रखने वाली संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को चेतावनी दी।

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    ग्रे लिस्ट से बाहर आना आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ बुलेटप्रूफ नहीं', FTF (फाइल फोटो)

    एएनआई, पेरिस। यह किसी से छुपा नहीं है पाकिस्तान किस तरह से आतंकियों को अपने देश में संरक्षण देता है। आज भी हजारों आतंकी पाकिस्तान में खुले घूम रहे हैं। वहीं, अब वैश्विक आतंकी वित्तपोषण पर नजर रखने वाली संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को चेतावनी दी। संस्था ने कहा कि पाकिस्तान ग्रे सूची से बाहर आ गया है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह आतंकवाद को वित्तपोषित करेगा।

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     एफएटीएफ की अध्यक्ष एलिसा डी आंदा माद्राजो ने दी चेतावनी

    एफएटीएफ की अध्यक्ष एलिसा डी आंदा माद्राजो ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान सहित सभी देशों को अपराधों की रोकथाम और निवारण के लिए उपायों को लागू करना जारी रखना चाहिए। एफएटीएफ अध्यक्ष एलिसा डी आंदा माद्राजो ने फ्रांस में एक प्रेस कन्फ्रेंस के दौरान कहा कि कोई भी देश जो ग्रे लिस्ट में है, लेकिन ग्रे लिस्ट में मौजूद भी है, वह अपराधियों, चाहे वे धन शोधन करने वाले हों या आतंकवादी, की गतिविधियों के लिए बुलेटप्रूफ नहीं है।

    पाकिस्तान को अक्टूबर 2022 में एफएटीएफकी 'ग्रे लिस्ट' से हटा दिया गया था और यह सुनिश्चित करने के लिए उस पर नजर रखी जा रही है कि वह आतंकवाद के वित्तपोषण विरोधी उपायों को लागू कर रहा है। हालांकि, पाकिस्तान FATF का सदस्य नहीं है, इसलिए एशिया प्रशांत समूहउस पर नजर रख रहा है।

    एफएटीएफ अध्यक्ष ने बताया कि इस सूची में कई देश और क्षेत्राधिकार शामिल हैं, जिन्हें आतंकवाद के वित्तपोषण और धन शोधन से निपटने में महत्वपूर्ण रणनीतिक कमियों के कारण कड़ी निगरानी में रखा गया है।

    एफएटीएफ अध्यक्ष की यह टिप्पणी जैश-ए-मोहम्मद द्वारा आतंकवादी शिविरों को वित्तपोषित करने के लिए डिजिटल वॉलेट का उपयोग करने तथा वित्तीय प्रवाह को छिपाने की खबरों के बीच आई है।

    उल्लेखनीय है कि भारत के राष्ट्रीय जोखिम आकलन 2022 में पाकिस्तान को उच्च जोखिम वाले आतंकवादी वित्तपोषण स्रोत के रूप में चिन्हित किया गया है।