Climate Change: इतिहास का सबसे गर्म साल बनने जा रहा 2024, वैज्ञानिकों ने प्राकृतिक आपदाओं के लिए किसे बताया जिम्मेदार?
साल 2024 इतिहास का सबसे गर्म साल बनने जा रहा है। तापमान में बढ़ोतरी का यह असर 2025 के शुरुआती महीनों में भी नजर आने की संभावना है। यह जानकारी यूरोपीय संघ के विज्ञानियों द्वारा जारी कापरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सी3एस) के आंकड़ों से सामने आई। जनवरी से नवंबर तक जुटाए गए आंकड़ों ने यह सुनिश्चित किया है कि 2024 अब रिकार्ड में दर्ज सबसे ज्यादा गर्म वर्ष है।
ब्रशेल्स, रॉयटर। जब से मौसम के आंकड़ों का रिकॉर्ड रखे जाने का सिलसिला शुरू हुआ है, यह वर्ष (2024) इतिहास का सबसे गर्म साल बनने जा रहा है। तापमान में बढ़ोतरी का यह असर 2025 के शुरुआती महीनों में भी नजर आने की संभावना है। यह जानकारी यूरोपीय संघ के विज्ञानियों द्वारा जारी कापरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सी3एस) के आंकड़ों से सामने आई।
रिपोर्ट में बताया गया है कि जनवरी से नवंबर तक जुटाए गए आंकड़ों ने यह सुनिश्चित किया है कि 2024 अब रिकार्ड में दर्ज सबसे ज्यादा गर्म वर्ष है। यह वर्ष 1850 से 1900 के पूर्व-औद्योगिक काल की तुलना में 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक औसत वैश्विक तापमान वाला पहला वर्ष भी बन गया है।
कई देशों में हीटवेव से हजारों की मौत
इससे पूर्व 2023 इतिहास का सबसे गर्म वर्ष दर्ज किया गया था। जबकि नवंबर 2023 के बाद नवंबर 2024 इतिहास का सर्वाधिक गर्म माह दर्ज किया गया। इस वर्ष मौसम के चरम पर पहुंचने की कई घटनाएं देखने को मिलीं।
इनमें इटली और दक्षिण अमेरिकी में गंभीर सूखा, नेपाल, सूडान और यूरोप में जानलेवा बाढ़, मेक्सिको, माली और सऊदी अरब में हीटवेव से हजारों की मौत के साथ ही अमेरिका और फिलीपींस में विनाशकारी चक्रवात जैसे मौसम के गंभीर दुष्परिणाम शामिल हैं। विज्ञानियों ने इन सभी प्राकृतिक आपदाओं के पीछे मानव की भूमिका बताई है।
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