Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Exercise Pitch Black: 17 देशों के युद्ध अभ्यास से बेचैन हुआ चीन, वायु शक्ति का होगा परीक्षण

    By Ramesh MishraEdited By:
    Updated: Thu, 25 Aug 2022 03:35 PM (IST)

    Exercise Pitch Black अभ्यास पिच ब्लैक का आयोजन आठ सितंबर 2022 के बीच किया जा रहा है। इस अभ्‍यास से चीन की बेचैनी बढ़ गई है। आखिर आस्‍ट्रेलिया में चल रहे सैन्‍य अभ्‍यास से चीन क्‍यों चिढ़ा है। यह अभ्‍यास आस्ट्रेलियाई वायु सेना द्वारा आयोजित एक द्विवार्षिक बहु-राष्ट्रीय अभ्यास है।

    Hero Image
    Exercise Pitch Black: 17 देशों के रक्षात्मक काउंटर एयर युद्ध अभ्यास से बेचैन हुआ चीन। एजेंसी।

    मेलबार्न/नई दिल्‍ली, जेएनएन। अभ्यास पिच ब्लैक (Exercise Pitch Black) का आयोजन आठ सितंबर, 2022 के बीच किया जा रहा है। वायु सेना अभ्‍यास रायल आस्ट्रेलियाई वायु सेना द्वारा आयोजित एक द्विवार्षिक बहु-राष्ट्रीय अभ्यास है।

    17 से अधिक देशों के लगभग 2,500 कर्मी और 100 विमान आक्रामक काउंटर एयर और रक्षात्मक काउंटर एयर युद्ध अभ्यास दोनों में शामिल होंगे। आस्ट्रेलिया इसका मेजबान है, और इसमें भारत के अलावा फ्रांस, संयुक्‍त अरब अमीरात, इंडोनेशिया, जर्मनी, फ्रांस, जापान, मलेशिया, अमेरिका, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, कोरिया गणराज्य, यूके, फिलीपींस, थाईलैंड, कनाडा और नीदरलैंड भी शामिल हैं। इस अभ्‍यास से चीन की बेचैनी बढ़ गई है। आखिर आस्‍ट्रेलिया में चल रहे सैन्‍य अभ्‍यास से चीन क्‍यों चिढ़ा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    17 देशों के 100 विमान और 2500 सैन्यकर्मी होंगे शामिल

    आस्‍ट्रेलिया के पिच ब्लैक अभ्यास में 100 विमान और 2500 सैन्यकर्मी शामिल है। रायल आस्ट्रेलियाई वायु सेना (आरएएएफ) पिच ब्लैक को रणनीतिक भागीदारों और सहयोगियों की वायुसेना के साथ अपनी कैपस्टोन को अंतरराष्ट्रीय कार्य गतिविधि के रूप में मानता है। अभ्यास पिच ब्लैक हर दो साल में एक बार होता है। यह रायल आस्ट्रेलियाई वायुसेना द्वारा आयोजित किया जाता है। लेकिन कोविड-19 महामारी की वजह से यह युद्ध अभ्यास चार साल के बाद हो रहा है। युद्ध अभ्यास आम तौर पर उत्तरी आस्ट्रेलिया के डार्विन और टिंडल में होता है।

    केसी-30ए टैंकर विमान सुखोई-30 विमान में ईधन भरेंगे

    अभ्यास की खास बात यह होगी कि सुखोई-30 एमकेआई विमान कलाईकुंडा वायुसैनिक अड्डा से उड़ान भर कर सीधे आस्ट्रेलिया पहुंचे है। इस दौरान उन्हें ईधन की सप्लाई वायुसेना के टैंकर विमान आईएल-78 द्वारा किया गया। आस्ट्रेलिया के डारविन वायुसैनिक अड्डे से इंडोनेशिया के सुबांग वायुसैनिक अड्डे के लिए जब वापसी की उड़ान भरेंगे तब आस्ट्रेलियाई वायुसेना के केसी-30ए टैंकर विमान सुखोई-30 विमान में ईधन भरेंगे। आस्ट्रेलिया जाते और लौटते वक्त भारतीय वायुसैनिकों को मलेयशियाई और इंडोनेशियाई वायुसेना के साथ भी अपने अनुभव साझा करने का मौका मिलेगा। 

    भारत-आस्‍ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया

    युद्धाभ्यास में भारतीय सैन्य टुकड़ी में 145 हवाई योद्धा हैं। इसमें वायुसेना की गरुड़ कंमाडो टीम भी शामिल है। इस अभ्यास में भाग ले रहे वायुसेना के चार सुखोई-30 एमकेआई विमानों के अलावा एक सी-130 हक्र्यूलस और एक सी-17 ग्लोब मास्टर विमान आस्ट्रेलिया में हैं।

    अभ्यास में भाग ले रही भारतीय टीम की अगुवाई ग्रुप कैप्टन सीयूवी राव कर रहे हैं। इस अभ्यास से भारतीय वायुसेना की रणनीति को अधिक धारदार बनाने का मौका मिलेगा। बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में भारत और आस्ट्रेलिया के बीच रक्षा और सुरक्षा संबंधों में तेजी आई है। जून 2020 में, दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया और सैन्य-तंत्र के समर्थन के लिए सैन्य ठिकानों तक पारस्परिक पहुंच के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

    सैन्‍य अभ्‍यास से बेचैन हुआ चीन

    इस सैन्‍य अभ्‍यास से चीन की बेचैनी बढ़ गई होगी। इस अभ्‍यास में शामिल 17 देशों के साथ चीन के‍ रिश्‍ते बहुत बेहतर नहीं है। खासकर क्‍वाड देशों के शामिल होने से चीन पूरी तरह से बौखलाया हुआ है। यह सैन्‍य अभ्‍यास ऐसे समय हो रहा है जब चीन ताइवान की सीमा पर अपने सैन्‍य अभ्‍यास को अंजाम दे रहा है। यह सैन्‍य अभ्‍यास आस्‍ट्रेलिया में हो रहा है। इस समय आस्‍ट्रेलिया और चीन के संबंध काफी तल्‍ख चल रहे हैं। ऐसे में चीन की बौखलाहट जायज है।