Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    South China Sea and China: दक्षिण चीन सागर में चीन की चिंता बढ़ी, क्‍वाड समेत 16 देशों की वायु सेनाएं दिखाएंगी अपनी ताकत

    By Ramesh MishraEdited By:
    Updated: Sat, 20 Aug 2022 05:39 PM (IST)

    खास बात यह है कि यह युद्धाभ्‍यास ऐसे समय हो रहा है जब चीन और ताइवान के बीच तनाव चरम पर है। चीन लगातार ताइवान की सीमा पर सैन्‍य अभ्‍यास में जुटा है। इससे दक्षिण चीन सागर में तानव बढ़ गया है।

    Hero Image
    South China Sea and China: दक्षिण चीन सागर में चीन की चिंता क्‍यों बढ़ी। एजेंसी।

    नई दिल्ली, एजेंसी। ताइवान और चीन के बीच तनाव के मध्‍य रायल आस्ट्रेलियन एयर फोर्स की ओर से आयोजित 16 देशों के वायु सेना अभ्यास में मलेशिया, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया ही नहीं क्‍वाड के प्रमुख देश भी हिस्‍सा ले रहे हैं। खास बात यह है कि यह युद्धाभ्‍यास ऐसे समय हो रहा है जब चीन और ताइवान के बीच तनाव चरम पर है। चीन लगातार ताइवान की सीमा पर सैन्‍य अभ्‍यास में जुटा है। इससे दक्षिण चीन सागर में तानव बढ़ गया है। क्‍वाड के गठन के समय ही चीन ने इसे एशिया का नाटो की संज्ञा दी थी। ऐसे में क्‍वाड देशों के इस सैन्‍य अभ्‍यास से चीन पूरी तरह से बौखला गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बता दें कि क्‍वाड के चारों देश आस्ट्रेलिया, भारत, अमेरिका और जापान की वायु सेनाएं भी इसमें हिस्सा ले रही हैं। इस वायु सेना के अभ्‍यास में चीन का क्‍वाड देशों का हिस्‍सा लेना अखर रहा होगा। क्‍योंकि क्‍वाड संगठन को चीन अपना बड़ा विरोधी मानता है। भारत भी क्‍वाड संगठन का प्रमुख सदस्‍य है। चीन ने क्‍वाड के गठन पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उधर, भारतीय वायुसेना आस्ट्रेलिया में होने वाले द्विवार्षिक वायुसैनिक अभ्यास पिच ब्लैक 2022 में हिस्सा लेने के लिए अपने सुखोई लड़ाकू विमानों के साथ डार्विन पहुंच गई है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों के बीच रणनीति रिश्ते जाहिर तौर पर चीन को बेचैन कर रहे हैं।

    गौरतलब है कि यह अभ्‍यास डार्विन में अगले महीने की आठ तारीख तक चलेगा। बता दें कि रायल आस्‍ट्रेलियाई वायुसेना बहु-राष्‍ट्रीय युद्धाभ्‍यास का हर दो वर्ष बाद आयोजन करती है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस अभ्‍यास में विभिन्‍न वायु सेनाओं के एक सौ से ज्‍यादा विमान और ढाई हजार सैन्‍य कर्मी भाग लेंगे। भारतीय वायु सेना की टुकड़ी में चार एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू और दो सी-17 विमानों के साथ सौ से ज्‍यादा वायु सैनिक शामिल हैं। 

    चार वर्ष पूर्व यह सैन्‍य अभ्यास वर्ष 2018 में आयोजित हुआ था। कोरोना महामारी के चलते वर्ष 2020 में इसके आयोजन को रद कर दिया गया था। इस वर्ष के अभ्यास में इन तमाम देशों की वायु सेनाओं के 100 से अधिक विमान और 2500 वायुसैनिक कर्मी हिस्सा ले रहे हैं। खास बात यह है कि इस अभ्यास में इनके साथ ही जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे यूरोप के प्रमुख देश भी शिकरत कर रहे हैं।

    ग्रुप कैप्टन वाईपीएस नेगी के नेतृत्व में भारतीय वायुसेना की टुकड़ी में 100 से अधिक वायु योद्धा अभ्यास में शामिल होने के लिए आस्टेलिया पहुंच गए हैं। भारतीय वायुसेना के चार सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान और दो सी-17 विमान इस अभ्यास में हिस्सा लेंगे। इस दौरान जटिल वातावरण में बहु-डोमेन हवाई युद्ध मिशन करेंगे। इस वर्ष, भाग लेने वाले कई देशों के बीच हवा से हवा में ईंधन भरने की क्षमता को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण सहयोग भी किए जाएंगे और इससे वायुसेनाओं की लड़ाकू क्षमता बढ़ती है।