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ऑस्ट्रेलिया में गूगल और फेसबुक से जुड़े मसौदा कानून में होगा बदलाव, समाचारों के प्रकाशन का है मसला

वित्त मंत्री जोश फ्राइडेनबर्ग और संचार मंत्री पॉल फ्लेचर ने एक संयुक्त बयान में कहा कि यह संशोधन बुधवार को संसद में पेश किए जाएंगे। दोनों नेताओं ने कहा कि संशोधनों से ना केवल कानून और अधिक प्रभाव बन सकेगा बल्कि इससे कार्य क्षमता में भी सुधार होगा।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 16 Feb 2021 05:41 PM (IST)Updated: Tue, 16 Feb 2021 06:03 PM (IST)
ऑस्ट्रेलिया में गूगल और फेसबुक से जुड़े मसौदा कानून में होगा बदलाव, समाचारों के प्रकाशन का है मसला
समाचारों के प्रयोग पर देश की मीडिया कंपनियों को करना होगा एकमुश्त भुगतान

केनबरा, एपी। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह समाचारों के प्रकाशन के बदले में गूगल और फेसबुक द्वारा भुगतान किए जाने से जुड़े मसौदा कानून में बदलाव करेगी। पहले सरकार ने प्रत्येक समाचार पर क्लिक के एवज में भुगतान करने की व्यवस्था की थी, लेकिन अब इन तकनीकी कंपनियों को देश के मीडिया घरानों को एकमुश्त रकम का भुगतना करना होगा।

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फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग और गूगल का स्वामित्व रखने वाली अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचई से विचार-विमर्श के बाद यह संशोधन किए गए हैं। सत्तारूढ़ कंजरवेटिव सरकार को उम्मीद है कि 25 फरवरी को समाप्त होने वाले संसद के मौजूद सत्र से पहले 'न्यूज मीडिया बारगेनिंग कोड' कानून की शक्ल ले लेगा।

वित्त मंत्री जोश फ्राइडेनबर्ग और संचार मंत्री पॉल फ्लेचर ने एक संयुक्त बयान में कहा कि यह संशोधन बुधवार को संसद में पेश किए जाएंगे। दोनों नेताओं ने कहा कि संशोधनों से ना केवल कानून और अधिक प्रभाव बन सकेगा बल्कि इससे कार्य क्षमता में भी सुधार होगा। विपक्षी लेबर पार्टी ने बिल का समर्थन करने के लिए सांसदों की एक बैठक बुलाई है। खास बात यह है कि सीनेट में सरकार को बहुमत हासिल नहीं है। ऐसे में उसे सीनेट द्वारा सुझाए जाने वाले संशोधनों को मानने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।

प्रस्तावित संशोधनों से मीडिया कोड पर नहीं पड़ता है किसी तरह का असर 

ऑस्ट्रेलिया इंस्टीट्यूट सेंटर फॉर रिस्पॉन्सिबल टेक्नोलॉजी के निदेशक पीटर लुईस ने कहा कि प्रस्तावित संशोधनों से मीडिया कोड पर किसी तरह का असर नहीं पड़ता है। दरअसल, यह मसौदा कानून पिछले वर्ष नौ दिसंबर को संसद में पेश किए गए थे। सीनेट से जुड़ी समिति ने इन्हें बिना बदलाव के पारित किए जाने की सिफारिश की थी।

बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के ऑनलाइन विज्ञापन के 81 फीसद हिस्से पर गूगल और फेसबुक का कब्जा है। संसद में प्रस्तावित कानून पेश किए जाने पर गूगल ने ऑस्ट्रेलिया में अपने सर्च इंजन को बंद करने की धमकी दी थी। वहीं, फेसबुक ने कहा था कि अगर उसे समाचारों के बदले में भुगतान करने के लिए मजबूर किया गया तो वह ऑस्ट्रेलिया के लोगों पर समाचारों को साझा करने पर रोक लगा देगा।


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