Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस देश के कई शहरों में फ्री में रहने का मौका! जानें सरकार क्यों दे रही है ये ऑफर

    Updated: Thu, 26 Jun 2025 02:23 PM (IST)

    जर्मनी के पूर्वी राज्यों के कुछ शहरों और कस्बों में फ्री में रहने का न्योता दिया जा रहा है। रोचक बात ये है कि लोग खुशी-खुशी इन शहरों में रहने के लिए पहुंच भी रहे हैं। 

    Hero Image

    जर्मनी के गुबेन शहर में फ्री में रहने का मौका (फाइल फोटो)

    जेएनएन, डिजिटल डेस्क। दुनिया के कई देशों में घटती जनसंख्या और बुजुर्ग होती आबादी समस्या बन चुकी है। ऐसे में खाली पड़े शहरों को भरने के लिए वहां की सरकारें नए-नए उपाय खोज रही हैं। इसी क्रम में जर्मनी ने लोगों को कई शहरों में फ्री में रहने का ऑफर दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दरअसल, जर्मनी के कई शहरों की आबादी लगातार घट रही है। इससे निपटने के लिए जर्मनी के पूर्वी राज्यों के कुछ शहरों और कस्बों में फ्री में रहने का न्योता दे रहे हैं। इसी तरह का एक शहर है गुबेन, जहां मुफ्त में रहने का न्योता और मीडिया कवरेज की वजह से कई लोग यहां आकर रहना पसंद कर रहे हैं।

    बर्लिन छोड़ गुबेन का रुख कर रहे लोग

    बर्लिन की रहने वाली अनिका फ्रांत्से ने भी गुबेन का रुख किया है। उनका कहना है कि बर्लिन की आपाधापी और पार्किंग समस्या की वजह से उन्होंने ऐसा कदम उठाया। उनका मानना है कि गुबेन में ट्रैफिक की समस्या भी नहीं है और शांति के साथ-साथ सुकून का एहसास होता है। अनिका जैसे कई लोग बड़े शहरों की आपाधापी से बचने के लिए गुबेन में रहने आ रहे हैं।

    गुबेन की जनसंख्या में हुए बड़े बदलाव

    गुबेन जर्मनी के उन सैकड़ों शहरों और कस्बों में शामिल है, जहां पर जनसंख्या में 1990 में जर्मन एकीकरण के बाद बड़े बदलाव देखने को मिले। इन शहरों में घटती जन्म दर, युवाओं का जर्मनी की समृद्ध जगहों पर जाना, इस तरह की समस्याओं ने विकराल रूप धारण कर लिया है। गुबेन में बुढ़ापा अहम समस्या बन गई है।

    तेजी घटती जनसंख्या बनी समस्या 

    इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 30 सालों में गुबेन की आबादी आधी रह गई है। अभी गुबेन में 16 हजार 600 लोग रहते हैं। 1995 में इस शहर में 29 हजार 100 लोग रहते थे, जो अब के मुकाबले आधी आबादी दर्शाती है। 2030 तक इसके 16 प्रतिशत और घटने का अनुमान लगाया गया है। इसके अलावा, कामकाजी उम्र की आबादी भी 27 प्रतिशत तक गिरने का अनुमान है।

    ये भी पढ़ें: आखिर क्यों इस द्वीप में ड्रोन से गिराए जा रहे हैं करोड़ों मच्छर? वैज्ञानिकों की अजब-गजब योजना