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    G7 Summit 2022: रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों की एकता को बाइडन ने सराहा, कहा- भविष्य में भी हमें रहना है एकजुट

    By Amit SinghEdited By:
    Updated: Mon, 27 Jun 2022 06:24 AM (IST)

    जर्मन चांसलर शुल्ज ने कहा हाल के हफ्तों में यूरोप में बढ़ी महंगाई ने चिंता बढ़ा दी है। इसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है मंदी आ सकती है। खाद्यान्न की बढ़ी कीमत भी चिंता की बड़ी वजह है। जी 7 इन सारी स्थितियों पर चर्चा करेंगे।

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    पश्चिमी देशों ने रूसी हमले का सशक्त विरोध प्रदर्शित किया (सोर्स: रायटर)

    एसलास एलमाऊ, रायटर: रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने सोचा था कि यूक्रेन पर हमले के विरोध में पश्चिमी देश बिखरे रहेंगे। लेकिन वैसा नहीं हुआ। हमने अपने विरोध को सशक्त तरीके से प्रदर्शित किया। यह बात अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने जी 7 देशों के शिखर सम्मेलन के प्रारंभिक सत्र में कही। बाइडन ने इसके लिए सभी सहयोगी देशों के नेताओं की प्रशंसा की। कहा कि हमें भविष्य में भी एकजुट रहना है क्योंकि पुतिन पहले दिन से हमारे बिखरने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। रूसी दबाव को न मानने के लिए बाइडन ने जर्मन समकक्ष ओलफ शुल्ज की खासतौर पर प्रशंसा की। कहा कि गैस की जरूरत के बावजूद जर्मनी ने रूस के गलत कार्य के विरोध का साहस दिखाया है।

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    जर्मन चांसलर ने जताया मंदी का खतरा

    सम्मेलन में जर्मन चांसलर शुल्ज ने कहा, हाल के हफ्तों में यूरोप में बढ़ी महंगाई ने चिंता बढ़ा दी है। इसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है, मंदी आ सकती है। खाद्यान्न की बढ़ी कीमत भी चिंता की बड़ी वजह है। जी 7 इन सारी स्थितियों पर चर्चा करेंगे। विदित हो कि यूरोपीय देशों को गैस आपूर्ति में रूस द्वारा 40 प्रतिशत की कमी किए जाने से कई मुश्किलें पैदा हो गई हैं। कारखानों में उत्पादन कम हो गया है और गैस व बिजली की कीमतें कई गुना बढ़ गई हैं।

    600 अरब डालर की आधारभूत ढांचा योजना

    जी 7 देशों के नेता 600 अरब डालर की विश्व में आधारभूत ढांचा खड़ा करने की योजना की घोषणा होगी। इस योजना में अमेरिका 200 अरब डालर का निवेश करेगा। इस आशय की जानकारी अमेरिकी राष्ट्रपति के व्हाइट हाउस कार्यालय ने बयान जारी करके दी है। इस योजना का नाम पार्टनरशिप फार ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर होगा। यह योजना वैश्विक संपर्क बढ़ाएगी जिससे आम आदमी के जीवन की सुविधाएं बढ़ेंगी और बड़ी संख्या में रोजगार पैदा होंगे। इस योजना पर जी 7 नेता पूर्व में सहमति जता चुके हैं। माना जा रहा है कि जी 7 देशों की यह योजना चीन के वन बेल्ट-वन रोड प्रोजेक्ट के जवाब में आ रही है।