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    Video: 'जब तक भारत के टुकड़े-टुकड़े नहीं होंगे...' मुनीर के बाद बांग्लादेशी रिटायर्ड जनरल ने उगला जहर

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 04:11 PM (IST)

    सोशल मीडिया पर बांग्लादेश के एक रिटायर्ड जनरल का भारत विरोधी बयान वाला वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में जनरल को भारत के 'टुकड़े-टुकड़े' करने की बात ...और पढ़ें

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    बांग्लादेशी जनरल का भारत विरोधी बयान। फोटो- सोशल मीडिया

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच कुछ पूर्व रिटायर्ड सैन्य अधिकारी भारत के लिए नफरत जाहिर कर रहे हैं। पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर की तर्ज पर ये अधिकारी भारत को अस्थिर करने के खतरनाक सपने देख रहे हैं।

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    हाल ही में बांग्लादेश के एक रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आजमी ने भारत के खिलाफ जहर उगला है। उसने कहा, 'जब तक भारत के टुकड़े-टुकड़े नहीं हो जाते हैं बांग्लादेश में संपूर्ण शांति स्थापित नहीं हो सकती है।'

    आजमी का विवादास्पद इतिहास

    अब्दुल्लाहिल अमान आजमी का भारत विरोध कोई नया नहीं है। वह बांग्लादेश सेना में लंबे समय तक सेवा दे चुका है। आजमी 1971 के युद्ध अपराधी जमात-ए-इस्लामी के नेता गुलाम आजम का बेटा है। गुलाम आजम को हिंदुओं और स्वतंत्रता समर्थक बंगालियों के नरसंहार का दोषी ठहराया गया था।

    एक वायरल वीडियो में आजमी को कहते हुए सुना गया, 'भारत जब तक टुकड़े-टुकड़े नहीं हो जाएगा, कयामत तक वह बांग्लादेश को शांतिपूर्वक रहने नहीं देगा। हमारे देश की मीडिया, हमारी सांस्कृतिक दुनिया, हमारे बुद्धिजीवियों के संसार में हर जगह भारत दखल देता है।

    पानी के मुद्दे पर जो लोग हमारे लिए अड़चन पैदा कर रहे हैं, हमारे लोगों को जिस तरह मारा जा रहा है, फिर व्यापारिक असमानता भी है। इन सबका जिक्र छोड़ भी दिया जाए तब भी समस्या बड़ी है।'

    पाकिस्तानी रणनीति से प्रेरित

    पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर की तरह आजमी भी भारत को कमजोर करने की पुरानी रणनीति पर चल रहा है।

    यह रणनीति 'ब्लीड इंडिया विद अ थाउजैंड कट्स' कहलाती है, जिसमें सीधे युद्ध की बजाय प्रॉक्सी वार, आतंकवाद, अलगाववाद और आंतरिक अशांति के जरिए भारत को धीरे-धीरे तोड़ने का प्रयास किया जाता है। इसका उद्देश्य भारत को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से अस्थिर करना है।

    आजमी ने पहले भी भारत विरोधी बयान दिए हैं। शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद उसने बांग्लादेश के राष्ट्रगान और संविधान बदलने की मांग की थी। सितंबर 2024 में उसने कहा, 'हमारा वर्तमान राष्ट्रगान हमारे स्वतंत्र बांग्लादेश के अस्तित्व के विपरीत है।

    यह बंगाल विभाजन और दो बंगालों के विलय का काल दर्शाता है। दो बंगाल को एकजुट करने के लिए बना राष्ट्रगान एक स्वतंत्र बांग्लादेश का राष्ट्रगान कैसे बन सकता है। 1971 में इसे हम पर भारत ने थोपा था।'