'दोस्ती से पहले 1971 के लिए माफी मांगे पाकिस्तान', बांग्लादेश के साथ मीटिंग में सामने आया अतीत का किस्सा
बैठक में पाकिस्तान में फंसे बंगाली मुसलमानों परिसंपत्तियों के न्यायोचित बंटवारे 1970 में आए तूफान में मिली विदेशी सहायता राशि को पीडि़तों को देने और 1971 में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए अत्याचार और नरसंहार के लिए माफी मांगने की मांग की गई है। जशीमउद्दीन ने कहा अतीत के अनसुलझे मामलों को निपटाने का यह सही समय है। इन मसलों को सुलझाने से ही हमारे संबंधों की मजबूत नींव तैयार होगी।
पीटीआई, ढाका। शेख हसीना के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश और पाकिस्तान के दरमियान बढ़ रही दोस्ती की पींगों के बीच 1971 के अत्याचारों की कसक उभर आई है। गुरुवार को हुई दोनों देशों के विदेश सचिवों की बैठक में बांग्लादेश ने 1971 में बंगाली मुसलमानों पर हुए पाकिस्तानी सेना और वहां के कट्टरपंथियों के अत्याचारों के लिए पाकिस्तान से माफी मांगने को कहा।
साथ ही पाकिस्तान से 4.3 अरब डॉलर धनराशि भी देने के लिए कहा। यह राशि उस संपत्ति के एवज में है जो पाकिस्तान से अलग होने पर बांग्लादेश को मिलनी चाहिए थी, लेकिन पाकिस्तान ने उसे नहीं दी थी। बांग्लादेश के विदेश सचिव जशीमउद्दीन और उनकी पाकिस्तानी समकक्ष आमना बलोच की ढाका में हुई बैठक के दौरान मेजबान की ओर से ये अपेक्षाएं की गईं।
15 साल बाद हुई बैठक
दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच 15 वर्षों के बाद यह बैठक हुई थी। यह बैठक पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार की 27-28 अप्रैल की प्रस्तावित यात्रा की तैयारी के सिलसिले में हुई थी। बैठक के बाद बांग्लादेश के विदेश सचिव ने कहा, हमने इतिहास के अनसुलझे मामलों को पाकिस्तान के सामने रखा है।
पाकिस्तान के जवाब के बारे में पूछे जाने पर बांग्लादेशी विदेश सचिव ने कहा, हम सकारात्मक रुख लेकर इन मसलों पर भविष्य में भी चर्चा जारी रखेंगे। वार्ता के बाद पाकिस्तानी विदेश सचिव आमना बलोच ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस और अंतरिम विदेश मंत्री तौहीद हुसैन से भी मुलाकात की।
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