अखबारों के दफ्तरों में आग, पत्रकारों पर हमला... बांग्लादेश में मीडिया को क्यों बनाया जा रहा निशाना?
बांग्लादेश में अशांति के बाद, मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने हिंसा का विरोध करने की अपील की है। 2024 के लोकतंत्र समर्थक नेता शरीफ उस्मान हादी ...और पढ़ें
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में अशांति फैलने के बाद, मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने लोगों से भीड़ की हिंसा का विरोध करने की अपील की है। सरकार ने कहा है कि ऐसे काम देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पटरी से उतार सकते हैं।
कैसे भड़की बांग्लादेश में हिंसा?
बांग्लादेश में हिंसा तब भड़की जब साल 2024 के लोकतंत्र समर्थक विद्रोह के एक कट्टर युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या की कोशिश के बाद मौत हो गई।
हजारों प्रदर्शनकारी ढाका और दूसरे शहरों की सड़कों पर उतर आए, उन्होंने प्रमुख मीडिया हाउसों की इमारतों और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना से जुड़ी जगहों को आग के हवाले कर दिया।
सरकार की अपील
तेजी से भड़की हिंसा और तोड़फोड़ के बाद यूनुस प्रशासन ने कहा, 'यह हमारे देश के इतिहास में एक नाजुक क्षण है। हम इसे उन कुछ लोगों द्वारा पटरी से उतरने नहीं दे सकते और न ही देना चाहिए जो अराजकता पर फलते-फूलते हैं और शांति को अस्वीकार करते हैं।'
सरकार ने भीड़ द्वारा निशाना बनाए गए पत्रकारों के साथ एकजुटता व्यक्त की और कहा, 'हम आपके साथ हैं। हमें उस आतंक और हिंसा के लिए गहरा दुख है जो आपने सहा है।'

पत्रकारों पर बढ़ते हमले
गवाहों और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हादी की मौत की खबर मिलते ही सैकड़ों प्रदर्शनकारी ढाका की सड़कों पर उतर आए, ढाका यूनिवर्सिटी कैंपस के पास शाहबाग स्क्वायर पर रैली की गई, जहां कई लोगों ने 'अल्लाहु अकबर', या अरबी में 'भगवान महान है' जैसे नारे लगाए।

देश के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हुए। बाद में, प्रदर्शनकारियों का एक समूह ढाका के कारवान बाजार इलाके में देश के प्रमुख बंगाली भाषा के दैनिक, प्रोथोम आलो के हेड ऑफिस के बाहर इकट्ठा हुआ और इमारत में घुसकर तोड़फोड़ की और आग लगा दी।
कुछ सौ गज की दूरी पर, प्रदर्शनकारियों के एक और समूह ने प्रमुख अंग्रेजी भाषा के 'डेली स्टार' के परिसर में घुसकर इमारत में आग लगा दी। रिपोर्ट्स के अनुसार प्रदर्शनकारी इन बड़े अकबारों पर पड़ोसी भारत का पक्ष लेने का आरोप लगाते हैं, जहां बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद छोड़ने के बाद शरण ली है।

भारत विरोधी भावना
हादी भारत और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना दोनों के कड़े आलोचक थे। पिछले साल शेख हसीना को सत्ता से हटाने के बाद बने इंकलाब मंच ग्रुप ने हसीना और भारत की निंदा करते हुए सड़कों पर विरोध प्रदर्शन और अभियान चलाए थे।

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