Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने पलटा मौत की सजा का फैसला, जमात नेता बरी; 1971 से जुड़ा है मामला

    By Agency Edited By: Prince Gourh
    Updated: Wed, 28 May 2025 03:24 PM (IST)

    2009 में बांग्लादेश ने 1971 में युद्ध के दौरान पाकिस्तान सेना का सहयोग करने वाले लोगों के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोपों पर कानूनी प्रक्रिया शुरू की थी। सरकारी वकील ने बताया कि अजहरुल को बरी करने का फैसला प्रधान न्यायाधीश सैयद रिफात अहमद की अध्यक्षता में पूर्ण सात सदस्यीय पीठ ने लिया।

    Hero Image
    बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट ने पलटा मौत की सजा का फैसला (फाइल फोटो)

    पीटीआई, ढाका। बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने जमात-ए-इस्लामी के नेता अजहरुल इस्लाम को 1971 के मुक्ति संग्राम से संबंधित युद्ध अपराध मामले में मंगलवार को बरी कर दिया।

    किस मामले में मिली थी सजा?

    शीर्ष कोर्ट ने इस मामले में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) द्वारा अजहरुल को सुनाई गई मौत की सजा को भी रद कर दिया। प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के विधि सलाहकार आसिफ नजरूल ने इस फैसले का स्वागत किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सरकारी वकील ने बताया कि अजहरुल को बरी करने का फैसला प्रधान न्यायाधीश सैयद रिफात अहमद की अध्यक्षता में पूर्ण सात सदस्यीय पीठ ने लिया। अदालत ने जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि यदि अजहरुल को अन्य मामलों में गिरफ्तार नहीं किया गया है, तो उसे तुरंत जेल से रिहा किया जाए।

    क्या-क्या लगे थे आरोप?

    जमात नेता 73 वर्षीय अजहरुल को 1971 युद्ध के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उसे आइसीटी ने नरसंहार, हत्या और दुष्कर्म सहित कई आरोपों के लिए फांसी की सजा सुनाई थी।

    2009 में बांग्लादेश ने 1971 में युद्ध के दौरान पाकिस्तान सेना का सहयोग करने वाले लोगों के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोपों पर कानूनी प्रक्रिया शुरू की थी। जांच और सुनवाई के बाद शीर्ष जमात-ए-इस्लामी नेताओं और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के एक वरिष्ठ नेता को फांसी दी गई थी।