Bangladesh Protests Live News Updates: 'तानाशाही लंबे समय तक नहीं चलती', बांग्लादेश के हालात महबूबा मुफ्ती ने जताई चिंता
बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शन और हिंसक झड़पों के बीच सोमवार को तख्तापलट हो गया। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और राजधानी ढाका छोड़ दिया है। वहीं, मंगलवार को बांग्लादेश में मंगलवार रात अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री पद पर नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस की नियुक्ति हो गई। राष्ट्रपति मुहम्मद शहाबुद्दीन ने छात्र आंदोलन के समन्वयक मंडल के 13 सदस्यों से वार्ता के बाद यूनुस की नियुक्ति की घोषणा की।

बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद बीएसएफ ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर हाई अलर्ट जारी कर दिया है। बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वेकर-उज-जमान ने कहा कि एक अंतरिम सरकार कार्यभार संभालेगी। बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के आयोजकों ने नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का मुख्य सलाहकार बनाने का प्रस्ताव रखा है।
बांग्लादेश मुद्दे पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, "बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ और हो रहा है, मुझे लगता है कि हमारे देश को इससे सबक लेना चाहिए। जब आपके पास बड़ी युवा आबादी होती है और आप उन्हें अनदेखा करने की कोशिश करते हैं। जब महंगाई और बेरोजगारी उन पर हावी होती है, तो ऐसे हालात पैदा होते हैं।
उन्होंने आगे कहा,"आरक्षण कमजोर वर्ग के लिए अच्छा है, लेकिन यह आबादी के अनुपात में होना चाहिए। हमें सबक लेना चाहिए कि तानाशाही लंबे समय तक नहीं चलती। जब आप ऐसी नीतियां और कानून लाते हैं जो लोगों के खिलाफ हों और धैर्य की सीमा टूट जाए, तो आपको शेख हसीना की तरह बचकर निकलना पड़ता है।"
#WATCH | On the Bangladesh issue, PDP Chief Mehbooba Mufti says, "Whatever has happened and is happening in Bangladesh, I think our country should take a lesson from it. When you have a huge youth population and you try to ignore them - when inflation and unemployment hit them,… pic.twitter.com/BIkbTjQpuW
— ANI (@ANI) August 7, 2024
बांग्लादेश के हालात पर असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा,"बांग्लादेश में जो घटना हुई है, वह चिंताजनक है, इसके दो पहलू हैं। एक यह कि अगर बांग्लादेश में ऐसी अशांति जारी रही, तो कुछ लोग भारत आने को मजबूर हो जाएंगे, इसलिए हमें अपनी सीमाओं को सुरक्षित करना होगा।
सीएम ने आगे कहा कि शेख हसीना के समय में पूर्वोत्तर के सभी आतंकवादी समूहों को बांग्लादेश से हटा दिया गया था। हमारे लिए यह चिंता का विषय होगा, एक बार फिर बांग्लादेश ऐसे आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं बनना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार वहां जो भी सरकार बनेगी, उसके साथ लगातार संपर्क में रहेगी।"
ईशा फाउंडेशन (ISHA Foundation) के आध्यात्मिक नेता सद्गुरु जग्गी वासुदेव (Sadhguru on bangladesh crisis) ने बुधवार को भारत सरकार से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए "जल्द से जल्द कार्रवाई करने" का आग्रह किया है।
बांग्लादेश मे मौजूद भारतीय डॉक्टर लोगों की जान बचाने के काम में जुटे हैं। बांग्लादेश मे मौजूद भारतीय डॉक्टर्स ने समाचार एजेंसी पीटीआई को जानकारी दी कि ढाका के कई अस्पतालों में हताहतों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है। वहां के अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों पर अत्याधिक बोझ बढ़ गया है। फिर भी वहां मौजूद भारतीय डाक्टर्स अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। एक डॉक्टर ने जानकारी दी कि दिनभर में वो 17-18 घंटे मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच अवामी लीग और इसकी सहयोगी पार्टियों से जुड़े कम से कम 29 नेताओं और उनके परिवार के सदस्यों के शव बरामद किए गए। इसमें अवामी लीग के 20 नेता भी शामिल हैं। सोमवार को शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने की खबर के बाद सतखिरा में हुए हमलों और हिंसा में कम से कम 10 लोग मारे गए।
बांग्लादेश के हालात पर शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "उम्मीद है कि वहां जल्द से जल्द स्थिरता आएगी और शांति कायम होगी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वहां 19,000 भारतीय हैं जिनमें छात्र भी शामिल हैं। उन्हें भारत कैसे लाया जा सकता है या उनके भारत लौटने तक उनके लिए सुरक्षित माहौल कैसे बनाया जा सकता है? हमें उम्मीद है कि सरकार इन चीजों पर ध्यान देगी"
बांग्लादेश में फंसे भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों को एअर इंडिया के विशेष विमान से भारत लाया गया है। भारतीय उच्चायोग के 190 कर्मचारी बांग्लादेश से भारत लौटे हैं। करीब 30 कर्मचारी अभी भी ढाका में मौजूद हैं।
एयर इंडिया बुधवार को दिल्ली से ढाका के लिए अपनी निर्धारित उड़ानें संचालित करेगी और बांग्लादेश की राजधानी से लोगों को वापस लाने के लिए एक विशेष उड़ान भी संचालित करने की संभावना है। ढाका से एयर इंडिया की फ्लाइट दिल्ली पहुंची है।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा पर योग गुरू बाबा रामदेव ने चिंता जाहिर की है। उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा, "बांग्लादेश में हिंदुओं पर किसी भी तरह की क्रूरता या अत्याचार नहीं होना चाहिए, चाहे वो वहां व्यापार करने वाले हिंदू हों, या वहां के हिंदू मंदिर हों या वहां रहने वाले भारतीय हों। इसके लिए पूरे देश को एकजुट होना होगा। मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि पहली बार पूरा विपक्ष सरकार के साथ है और यही भारत की नीति होनी चाहिए। वरना जिस तरह से इस्लामिक कट्टरपंथ दुनिया भर में फैल रहा है और जिस तरह से भारत के पड़ोस में दस्तक दे चुका है, वह देश के लिए खतरनाक हो सकता है। यह एकता आने वाले समय में भी बनी रहनी चाहिए। जो लोग आरक्षण, जाति, धार्मिक कट्टरता के नाम पर देश को बांटना चाहते हैं - यह ठीक नहीं है। इसलिए भारत की राजनीति मुद्दों पर केंद्रित होनी चाहिए।
#WATCH | Yog Guru Baba Ramdev says, "There should be no cruelty or atrocity on Hindus in Bangladesh - be it the Hindus who are involved in trade there, or Hindu temples there, or Indians living there. For this, the entire country has to be united. I am happy to see that for the… pic.twitter.com/hoxvJfMz8W
— ANI (@ANI) August 6, 2024
खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान आज बांग्लादेश लौट रहे हैं। वह शाम के समय ढाका में एक रैली में शामिल होंगे। तारिक कई सालों से लंदन में रह रहे थे।
बांग्लादेश की स्थिति पर राज्यसभा में बोलते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "हमारी समझ यह है कि सुरक्षा प्रतिष्ठानों के नेताओं के साथ बैठक के बाद, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने स्पष्ट रूप से इस्तीफा देने का फैसला किया है। बहुत कम समय में उन्होंने कुछ समय के लिए भारत आने की मंजूरी मांगी। वे कल शाम दिल्ली पहुंचीं।
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि बांग्लादेश हमारे बहुत करीब है। जनवरी से वहां टेंशन है। बंग्लादेश में हिंसा जून-जुलाई में शुरू हु़ई। हम वहां की राजनीतिक पार्टियों के संपर्क में थे। कोटा सिस्टम पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी बंग्लादेश में हालात नहीं सुधरे और शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा. 4 अगस्त को सबसे ज्यादा हालात बिगड़े। सबसे ज्यादा वहां अल्पसंख्यकों पर हमले हुए हैं, जो चिंता का विषय है।
नवनियुक्त प्रधानमंत्री यूनुस ने हसीना सरकार को हटाए जाने का स्वागत किया है। कहा है कि यह बांग्लादेश के लिए दूसरी आजादी की तरह है। ग्रामीण बैंक के जरिये गरीबी दूर करने के प्रयास के लिए यूनुस को 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था। 2009 में शेख हसीना के सत्ता में आने के बाद यूनुस के खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज किए गए थे।
बांग्लादेश में मंगलवार रात अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री पद पर नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस की नियुक्ति हो गई। राष्ट्रपति मुहम्मद शहाबुद्दीन ने छात्र आंदोलन के समन्वयक मंडल के 13 सदस्यों से वार्ता के बाद यूनुस की नियुक्ति की घोषणा की। इस वार्ता में तीनों सेनाओं के प्रमुख भी शामिल थे। इससे पहले राष्ट्रपति ने देश की संसद (जातीय संसद) को भंग कर दिया जिससे अब नए आम चुनाव के लिए रास्ता साफ हो गया है।
