'वरना हमें एक्शन लेना पड़ेगा...' बांग्लादेश की पार्टियों को यूनुस सरकार ने दिया एक हफ्ते का अल्टीमेटम
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने राजनीतिक दलों को लोकतांत्रिक सुधार योजना पर सहमति के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। ऐसा न होने पर एकतरफा कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। मोहम्मद यूनुस ने कहा कि सुधार चार्टर सत्तावादी शासन रोकने में मदद करेगा। कई दलों ने जनमत संग्रह द्वारा चार्टर की पुष्टि की मांग की है, जिसमें प्रधानमंत्री के कार्यकाल की सीमा और राष्ट्रपति की शक्तियों का विस्तार प्रस्तावित है।

चार्टर पर सहमति बनाने के लिए एक हफ्ते का समय (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने देश की राजनीतिक पार्टियों के अपनी 'लोकतांत्रिक सुधार योजना' पर सहमति बनाने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है। इतना ही नहीं, उन्हें चेतावनी भी दी गई है कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो उन्हें एकतरफा कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
मोहम्मद यूनुस ने कहा कि पिछले साल विद्रोह के बाद बांग्लादेश की सत्ता संभालने के बाद उन्हें एक पूरी तरह से ध्वस्त राजनीतिक व्यवस्था विरासत में मिली थी। यूनुस ने अपने सुधार चार्टर की वकालत करते हुए कहा है कि इससे सत्तावादी शासन की वापसी रोकने में मदद मिलेगी।
जनमत संग्रह पर अटका मामला
मोहम्मद यूनुस ने इसी सुधार चार्टर को अपनी विरासत की आधारशिला माना है। अक्टूबर में एक समारोह के दौरान बांग्लादेश की प्रमुख पार्टियों ने इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर दिए थे। लेकिन हसीना के शासन को समाप्त करने वाले विद्रोह का नेतृत्व करने वाले कई छात्रों से बनी नेशनल सिटिजन पार्टी ने अभी तक दस्तखत नहीं किए हैं।
कई दलों ने मांग की है कि जनमत संग्रह द्वारा इस चार्टर की पुष्टि की जानी चहिए। इस चार्टर में प्रधानमंत्री के लिए दो कार्यकाल की सीमा और राष्ट्रपचि की शक्तियों का विस्तार प्रस्तावित है। यूनुस का दावा है कि इससे कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायी शाखाओं के बीच नियंत्रण और संतुलन मजबूत होगा।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में कानून विभाग संभाल रहे आसिफ नजरुल ने कहा, 'लंबे वक्त तक चर्चा के बावजूद राजनीतिक दल अभी भी मतभेद सुलझा नहीं पाए हैं। बेहतर होगा कि वे जनमत संग्रह पर एक हफ्ते के भीतर सहमति बना लें, अन्यथा सरकार स्वतंत्र रूप से काम करेगी।'
(न्यूज एजेंसी एएफपी के इनपुट के साथ)

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