बांग्लादेश में फिर बिगड़ेंगे हालात? शहरों में सेना की तैनाती का आदेश, ICT के फैसले से पहले क्या बोलीं शेख हसीना
Bangladesh News: बांग्लादेश में तख्तापलट के एक साल बाद फरवरी 2026 में चुनाव घोषित हुए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, जो अगस्त 2024 से भारत में हैं, पर आज अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) फैसला सुनाएगा। हसीना की आवामी लीग पार्टी ने बंद का आह्वान किया है, जिससे देश में हिंसा भड़कने की आशंका है। ढाका में हिंसक लोगों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया है।

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना। फोटो - रायटर्स
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में तख्तापलट को एक साल से ज्यादा का समय हो गया है। कई महीनों की उथल-पुथल के बाद अब देश में चुनाव के एलान कर दिए गए हैं। फरवरी 2026 में बांग्लादेश में संसदीय चुनाव देखने को मिलेंगे। वहीं, तख्तापलट के बाद 5 अगस्त 2024 को देश छोड़कर भागी पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अभी भी भारत में रह रहीं हैं।
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) आज शेख हसीना समेत उनके करीबियों पर लगे आरोपों पर फैसला सुनाएगी। इसके खुलाफ शेख हसीना की आवामी लीग पार्टी ने पूरे बांग्लादेश में बंद का आह्वान किया है। वहीं, देश में हिंसा भड़कने के डर से बांग्लादेश हाई अलर्ट पर है। ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (DMP) आयुक्त शेख मोहम्मद सज्जाद अली ने हिंसा करने वालों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया है।
शेख हसीना ने यूनुस सरकार पर उठाए सवाल
बांग्लादेश में शेख हसीना पर जुलाई-अगस्त में हुए आंदोलन के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोप लगा है। वहीं, फैसले से पहले शेख हसीना ने भी अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर निशाना साधा है।
एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में शेख हसीना ने यूनुस पर हमला करते हुए कहा कि बांग्लादेश आतंकी संगठनों के साथ गठजोड़ करके चरमपंथी विचारधारा से प्रभावित हो रहा है। बांग्लादेश छोड़ने पर बात करते हुए शेख हसीना कहती हैं, "मेरे लिए मेरी मातृभूमि को छोड़ना बहुत पीड़ादायक था। हमने आर्थिक विकास के लिए जो भी कदम उठाए थे, वो सब बर्बाद हो गया, लेकिन बांग्लादेश के लोगों पर मुझे पूरा विश्वास है। वो लोकतंत्र का ही चुनाव करेंगे।"

बांग्लादेश में तख्तापलट पर क्या कहा?
शेख हसीना ने कहा, "मेरे पिता के ऐतिहासिक घर को नष्ट करना, बांग्लादेश के इतिहास से स्वतंत्रता के लिए लड़ी गई कठिन लड़ाई की विरासत को मिटाने की कोशिश थी। कई लोगों ने हमारे सुनहरे भविष्य के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। मुझे विश्वास है कि बांग्लादेश के लोग अफनी विरासत को कभी नहीं भूलेंगे।"
यूनुस सरकार पर हमला बोलते हुए शेख हसीना ने कहा-
यह नाजायज सरकार है। मुझे तो फरवरी में होने वाले चुनाव पर भी शक है। यह चुनाव महज एक दिखावा है। असंवैधानिक सरकार को संवैधानिक बनाने के लिए चुनाव का षड्यंत्र रचा गया है। यूनुस के सत्ता में आते ही अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया। हमारे देश में धार्मिक भेदभाव की कोई जगह नहीं है।
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क्या तख्तापलट में था विदेशी ताकतों का हाथ?
बांग्लादेश के तख्तापलट में विदेशी ताकतों का हाथ होने की बात पर शेख हसीना ने कहा, "मुझे इसका कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है। कई अमेरिकी राजनेता यूनुस का समर्थन करते हैं। मगर, अब मुझे लगता है कि उनका असली चेहरा देखने के बाद वैश्विक स्तर पर उनकी लोकप्रियता कम हो रही है। बांग्लादेश में स्थिर लोकतंत्र हम सभी के लिए फायदेमंद है और लोकतंत्र को महत्व देने वाला हर देश इसमें हमारी मदद करेगा।"
बांग्लादेश में फिर बिगड़ रहे हैं हालात
बता दें कि हाल ही में शेख हसीना ने बांग्लादेश में मौजूद अपने समर्थकों के लिए एक ऑडियो मैसेज जारी किया है। इसमें उन्होंने लोगों से सड़कों पर आंदोलन तेज करने की अपील की है। इसके बाद से बांग्लादेश में हालात एक बार फिर खराब होते दिखाई दे रहे हैं। कई जगहों पर धमाके और आगजनी ने प्रशासन की नींदें उड़ा दी हैं। वहीं, अब हिंसा करने वालों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी कर दिया गया है।

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