Bangladesh: ढाका विमान हादसे में मृतकों की संख्या छिपा रही बांग्लादेश सरकार, अब स्कूल करेगा जांच
बांग्लादेश की राजधानी ढाका के जिस स्कूल पर सोमवार को वायुसेना का प्रशिक्षण लड़ाकू विमान गिरा था वह हादसे में मरने वालों की सही संख्या का पता लगाएगा। इसके लिए एक समिति बनाई गई है। छात्रों ने अंतरिम सरकार पर हादसे में मरने वालों की वास्तविक संख्या छिपाने का आरोप लगाया है। विमान हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है।

पीटीआई, ढाका। बांग्लादेश की राजधानी ढाका के जिस स्कूल पर सोमवार को वायुसेना का प्रशिक्षण लड़ाकू विमान गिरा था, वह हादसे में मरने वालों की सही संख्या का पता लगाएगा। इसके लिए एक समिति बनाई गई है। छात्रों ने अंतरिम सरकार पर हादसे में मरने वालों की वास्तविक संख्या छिपाने का आरोप लगाया है।
विमान हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 32
विमान हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है, जिनमें ज्यादातर स्कूली बच्चे हैं।चीन निर्मित एफ-7 बीजीआइ प्रशिक्षण विमान में उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों बाद तकनीकी खराबी आ गई थी और यह सोमवार को ढाका के उत्तर क्षेत्र के दियाबारी में स्थित माइलस्टोन स्कूल एवं कालेज की दो मंजिला इमारत से टकरा गया था।
छात्रों ने मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया
माइलस्टोन स्कूल के साथ-साथ आसपास के स्कूलों के छात्रों ने मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया और मृतकों के बारे में सही जानकारी सार्वजनिक करने और पीडि़त परिवारों को मुआवजा देने की मांग की। इस दौरान जब अंतरिम सरकार के सलाहकार घटनास्थल पर पहुंचे तो छात्रों ने उनका विरोध किया था। उन्हें भागकर स्कूल की एक इमारत में शरण लेनी पड़ी थी।
मृतकों की सही संख्या का पता लगाने के लिए समिति गठित
बुधवार को एक ओर हादसे में झुलसे कई लोग ढाका के विभिन्न अस्पतालों में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे थे तो दूसरी ओर माइलस्टोन के अधिकारियों ने मृतकों और घायल छात्रों व शिक्षकों की सही संख्या का पता लगाने के लिए समिति गठित की। स्थानीय मीडिया के अनुसार, अस्पतालों में 69 लोगों का उपचार चल रहा है, जिनमें ज्यादातर नाबालिग हैं।
छात्रों की जान बचाने में शिक्षिका की गई जान
रायटर के अनुसार, सोमवार को जब स्कूल पर विमान गिरा था और आग का गोला बन गया था तब महरीन चौधरी नामक शिक्षिका अपनी जान की परवाह किए बगैर कई छात्रों की जान बचाई।
कपड़े में आग लगने के बावजूद वह छात्रों की जान बचाने में जुटी रहीं। उनका लगभग पूरा शरीर जल गया था, जिससे घटना वाले दिन ही उनकी मौत हो गई। अंग्रेजी की 46 वर्षीय शिक्षिका ने कक्षा में आग लगने के बावजूद उसमें बार-बार जाकर अपने करीब 20 छात्रों की जान बचाई।
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