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    बांग्लादेश में कार्यवाहक सरकार व्यवस्था फिर से लागू, सुप्रीम कोर्ट ने पारित किया आदेश

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 11:30 PM (IST)

    बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने कार्यवाहक सरकार द्वारा चुनाव कराने की पुरानी व्यवस्था को बहाल कर दिया है, लेकिन यह व्यवस्था 2026 के आम चुनाव में लागू नहीं होगी। आगामी चुनाव मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की देखरेख में होगा। यह फैसला मुख्य न्यायाधीश सैयद रेफात अहमद की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनाया। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी ने कार्यवाहक सरकार की मांग की थी।

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    सुप्रीम कोर्ट ने पुरानी व्यवस्था बहाल की

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए वह पुरानी व्यवस्था कायम कर दी जिसमें कार्यवाहक सरकार आम चुनाव संपन्न कराती थी। यह व्यवस्था 90 दिनों तक कायम रहती थी और उसमें सभी राजनीतिक दल समान हैसियत में चुनाव में भागीदारी निभाते थे।

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    लेकिन यह पुरानी व्यवस्था फरवरी 2026 में होने वाले आम चुनाव में लागू नहीं होगी। आगामी चुनाव मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की देखरेख में ही होगा। सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश सैयद रेफात अहमद की अध्यक्षता वाली सात सदस्यों वाली पूर्ण पीठ ने पूर्व की संवैधानिक व्यवस्था को कायम करने वाला फैसला दिया।

    सुप्रीम कोर्ट ने पुरानी व्यवस्था बहाल की

    इस संवैधानिक व्यवस्था को प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार ने खत्म किया था। ताजा आदेश 14 वें संसदीय चुनाव से लागू होगा। बांग्लादेश में चुनाव के दौरान कार्यवाहक सरकार वाली व्यवस्था 1996 से लागू हुई थी।

    उस वर्ष और उसके बाद हुए दो संसदीय चुनावों में दो अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधीशों ने 90 दिनों के लिए कार्यवाहक सरकार की बागडोर संभाली थी। इसके बाद उन्होंने चुनाव में जीते हुए दल को सरकार बनाने का मौका दिया। जबकि 2008 में सेना समर्थित अंतरिम सरकार के समय हुए चुनाव में 90 दिनों के लिए कार्यवाहक सरकार के नेतृत्व की जिम्मेदारी सेंट्रल बैंक के पूर्व गवर्नर ने संभाली थी।

    विवादों के बाद खत्म हुई थी व्यवस्था

    इसके बाद चुनाव में भारी बहुमत से जीतकर आईं शेख हसीना की अवामी लीग ने सरकार बनाने के बाद इस व्यवस्था को खत्म कर दिया। इसके बाद तीन चुनाव अवामी लीग सरकार की देखरेख में हुए और उनमें तमाम विवाद पैदा हुए।

    इन्हीं विवादों के चलते हसीना की कट्टर विरोधी पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने 2014 और 2024 के चुनाव का बहिष्कार किया। पार्टी ने कार्यवाहक सरकार वाली व्यवस्था को दोबारा लागू करने की मांग की थी।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)