भारत ने नसीहत दी तो भड़क गया बांग्लादेश, बोला- हमारे आंतरिक मामलों में दखल न दिया जाए
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को भारत की हालिया टिप्पणी नागवार लगी है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को भारत की टिप्पणी को अनुचित और देश के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप करार दिया है। पिछले सप्ताह भारत ने बांग्लादेश में हिंसक अतिवादियों को रिहा करने के मुद्दे पर चिंता जताई थी इसको लेकर बांग्लादेश ने कहा कि हमारे आंतरिक मामलों में दखल न दिया जाए ।
पीटीआई, ढाका। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को भारत की हालिया टिप्पणी नागवार लगी है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को भारत की टिप्पणी को अनुचित और देश के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप करार दिया है।
धार्मिक स्थलों की भी रक्षा करें- भारत
पिछले सप्ताह भारत ने बांग्लादेश में हिंसक अतिवादियों को रिहा करने के मुद्दे पर चिंता जताई थी और कहा था कि यह अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के साथ ही इनके धार्मिक स्थलों की भी रक्षा करे।
दूसरे देश के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप के समान
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रफीकुल आलम ने कहा कि ढाका ने देश के चुनावों, कानून-व्यवस्था की स्थिति और अल्पसंख्यकों से संबंधित मामलों पर भारतीय विदेश मंत्रालय की टिप्पणियों पर गौर किया है। उन्होंने कहा, 'बांग्लादेश का दृढ़ विश्वास है कि ये पूरी तरह आंतरिक मामले हैं। इस तरह की टिप्पणियां अनुचित हैं और दूसरे देश के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप के समान हैं।'
भारतीय विदेश मंत्रालय ने पिछले सप्ताह यह भी कहा था कि वह स्थिर, शांतिपूर्ण, समावेशी और प्रगतिशील बांग्लादेश का समर्थन करता है, जहां सभी मुद्दों का समाधान लोकतांत्रिक तरीकों और समावेशी व सभी की भागीदारी वाले चुनावों के माध्यम से किया जाए।
बांग्लादेश में यूएन महासचिव
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासचिव एंटोनियो गुटेरस गुरुवार को ढाका पहुंचे। वह अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान बांग्लादेश में दस लाख से ज्यादा रो¨हग्या शरणार्थियों की स्थिति की समीक्षा करेंगे।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा जारी
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा जारी है। देश में महज दो महीनों में अल्पसंख्यकों पर हमले और उन्हें प्रताडि़त करने की 92 घटनाएं हुई हैं। सरकारी मशीनरी से अल्पसंख्यकों को सुरक्षा और न्याय नहीं मिल रहा है।
एंटोनियो गुटेरस करेंगे बांग्लादेश की यात्रा
यह बात बांग्लादेश हिंदू, बौद्ध, ईसाई एकता परिषद ने कही है। परिषद की ओर से यह बयान संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस की बांग्लादेश यात्रा से ठीक पहले आया है।
परिषद ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि इन 92 घटनाओं में 11 हत्याएं हुई हैं, तीन घटनाएं दुष्कर्म की हैं, मंदिरों पर हमले की 25 घटनाएं हुई हैं, एक मामले में धार्मिक आधार पर बेइज्जत किया गया, छह मामलों में धर्म के आधार पर अलग-अलग व्यक्तियों पर हमले किए गए और 38 मामले अल्पसंख्यकों की संपत्ति की लूटपाट, आगजनी और तोड़फोड़ के हैं।
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