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    बांग्लादेश में सबकुछ ठीक नहीं... खतरे में यूनुस की कुर्सी, सेना प्रमुख ने दे दिया अल्टिमेटम

    बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने इस साल दिसंबर तक चुनाव कराने की इच्छा व्यक्त की है। सेना प्रमुख जनरल वकार का मानना ​​है कि दिसंबर तक राष्ट्रीय चुनाव करा लिए जाने चाहिए। चुनावों के बारे में उन्होंने कहा कि इस मामले पर उनकी स्थिति पहले जैसी ही है। एक निर्वाचित सरकार को देश के भविष्य की दिशा निर्धारित करने का अधिकार है।

    By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Thu, 22 May 2025 06:50 PM (IST)
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    बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान और अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस। (Photo Jagran Graphic)

    एएनआई, ढाका। बांग्लादेश में जारी राजनीतिक अशांति के बीच सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने कहा कि वे चाहते हैं कि इस वर्ष दिसंबर तक चुनाव हो जाए और एक निर्वाचित सरकार कार्यभार संभाले। प्रोथोम अलो अखबार के अनुसार, उन्होंने अंतरिम सरकार के कुछ नीतिगत फैसलों पर अपनी निराशा भी व्यक्त की।

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    यह बयान अंतरिम सरकार की ओर से संसदीय चुनावों के लिए कोई स्पष्ट रोडमैप की घोषणा नहीं किए जाने के बाद आया है। बांग्लादेश के सेना प्रमुख जमान ने कहा कि इस मामले में उनका रुख पहले जैसा है। एक निर्वाचित सरकार को देश के भविष्य की दिशा तय करने का अधिकार है।

    कैबिनेट से हटाने की मांग

    दरअसल, पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) सहित कई राजनीतिक दल दिसंबर तक संसदीय चुनावों की मांग कर रहे हैं। बीएनपी कार्यकर्ताओं ने ढाका में मुख्य सलाहकार के निवास के बाहर प्रदर्शन कर दो छात्र सलाहकारों को अंतरिम सरकार की कैबिनेट से हटाने की भी मांग की है।

    अंतरिम सरकार एनसीपी का समर्थन कर रही

    हालांकि, छात्रों द्वारा संचालित पार्टी राष्ट्रीय नागरिक पार्टी (एनसीपी) चुनावों से पहले मौलिक सुधारों की मांग कर रही है। कथित तौर पर अंतरिम सरकार एनसीपी का समर्थन कर रही है। सेना प्रमुख ने भीड़ हिंसा या संगठित हमलों के खिलाफ भी सख्त संदेश दिया। उन्होंने कहा कि संगठित भीड़ के नाम पर अराजकता या हिंसा सहन नहीं किया जाएगा।

    मानवाधिकार संस्था ने अवामी लीग पर प्रतिबंध को मनमाना बताया

    अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार निगरानी संस्था मानवाधिकार वाच ने मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की ¨नदा की है। साथ ही कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पर लगाया गया प्रतिबंध मनमाना है। यह हसीना और उनकी पार्टी के समर्थकों के अधिकारों का दमन है।

    नेताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

    अंतरिम सरकार ने 12 मई को संशोधित आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अवामी लीग को आधिकारिक रूप से भंग कर दिया था। यह तबतक भंग रहेगी जब तक विशेष न्यायालय, पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान लोगों की मौत के मामले में सुनवाई पूरी नहीं कर लेता। संस्था ने कहा कि हाल के विधायी प्रयास से मौलिक स्वतंत्रताओं को कमजोर करने का जोखिम बढ़ गया है।

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