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    बांग्लादेश में यूनुस के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़कों पर उतरेंगे लोग, अवामी लीग ने राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 03:31 AM (IST)

    बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामीलीग ने मंगलवार को अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के इस्तीफे की मांग को लेकर राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की। देशभर में विरोध प्रदर्शन 30 नवंबर तक किए जाएंगे।   

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    बांग्लादेश में यूनुस के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़कों पर उतरेंगे लोग (फोटो- एक्स)

    आइएएनएस, ढाका। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने मंगलवार को अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के इस्तीफे की मांग को लेकर राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की।

    देशभर में विरोध प्रदर्शन 30 नवंबर तक किए जाएंगे। इसमें देश के अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल के फैसले का भी विरोध किया जाएगा, जिसमें 17 नवंबर को हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध के मामले में दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई गई।

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    अवामी लीग ने नागरिकों को संबोधित एक बयान में कहा कि आप सभी ने देखा कि कैसे अवैध रूप से काबिज हत्यारे फासीवादी यूनुस और उनके गुट द्वारा स्थापित कथित अदालत ने अवामी लीग की प्रमुख शेख हसीना के खिलाफ फैसला सुनाया। आपने इस हास्यास्पद निर्णय को खारिज किया है। इसके लिए हम आपका आभार व्यक्त करते हैं।

    इधर, बांग्लादेश के प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों ने वेतन और प्रमोशन से जुड़ी मांगों को लेकर मंगलवार से तीन दिनों के लिए काम बंद कर दिया है।

    बांग्लादेश में नागरिकों ने ईशनिंदा आरोपों से जुड़ी हिंसा के अंत की मांग की

    बांग्लादेश के सैकड़ों नागरिकों ने देशभर में ईशनिंदा के नाम पर हो रही हिंसा, मुकदमे, गिरफ्तारियों और भीड़ के हमलों के तुरंत अंत की मांग की है। यह मांग बाउल गायक अबुल सरकार की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तारी और उसके अनुयायियों पर माणिकगंज में हुए हमले के बाद उठी है।

    बांग्लादेश के 258 नागरिकों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि पिछले साल जुलाई में प्रदर्शनों के बाद बांग्लादेश में धार्मिक चरमपंथ चरम पर है। एक विशेष वर्ग ने खुद को इस्लाम के ''एकमात्र एजेंट'' के रूप में स्थापित कर राष्ट्रीय स्तर पर दमन शुरू किया है।

    बांग्ला दैनिक 'प्रथम आलो' ने हस्ताक्षरकर्ताओं के हवाले से कहा, ''200 से अधिक दरगाहों का ध्वंस, असंख्य लोगों को काफिर या ईश¨नदक घोषित करना, बाउल व फकीरों के बाल जबरन काटना, महिलाओं को उनकी गतिशीलता या कपड़ों के लिए परेशान करना, संगीत, नृत्य व नाटक के प्रदर्शन बाधित करना और खेल व मेले में भी रुकावट डालना आम हो गया है। जो लोग अलग विश्वास या जीवनशैली रखते हैं, उन्हें समाप्त करना उनका उद्देश्य है।''

    हस्ताक्षरकर्ताओं ने अबुल सरकार की गिरफ्तारी की ¨नदा कर उनकी तत्काल रिहाई की मांग की। बयान जारी करने वालों में शिक्षक, लेखक, शोधकर्ता, कलाकार, पत्रकार, मानवाधिकार रक्षक, सांस्कृतिक कार्यकर्ता और बाउल अनुयायी शामिल हैं।