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    'धार्मिक स्थलों पर हमले चिंताजनक', ढाका में उच्च स्तरीय बैठक के बाद बोले भारतीय विदेश सचिव

    Updated: Mon, 09 Dec 2024 05:51 PM (IST)

    Foreign Secretary Vikram Misri बांग्लादेशी समकक्ष मोहम्मद जशीमुद्दीन के साथ व्यापक वार्ता के बाद भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि आज की चर्चाओं ने हम दोनों को अपने संबंधों का जायजा लेने का अवसर दिया है और मैं आज अपने सभी वार्ताकारों के साथ स्पष्ट स्पष्ट और रचनात्मक विचारों के आदान-प्रदान के अवसर की सराहना करता हूं।

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    भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बांग्लादेश के विदेश सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से मुलाकात की (Photo - ANI)

    एएनआई, नई दिल्ली। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी सोमवार को बांग्लादेश के दौरे पर आए। विदेश सचिव ने यहां मोहम्मद जशीमुद्दीन के साथ व्यापक वार्ता की। जिसमें उन्होंने हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हमले का मुद्दा उठाया। इसके बाद उन्होंने मीडिया से भी बातचीत की। उन्होंने बांग्लादेश में धार्मिक स्थलों पर हो रहे हमलों को लेकर भी चिंता जताई।

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    बांग्लादेश के विदेश सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से मुलाकात के बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि हमने हाल के घटनाक्रमों पर भी चर्चा की और मैंने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण से संबंधित चिंताओं से भी अवगत कराया। हमने सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों पर हमलों की चिंताजनक घटनाओं पर भी चर्चा की।

    मिलकर काम करने को तैयार

    विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि मैंने इस बात पर जोर दिया कि भारत बांग्लादेश के साथ सकारात्मक, रचनात्मक और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंध चाहता है। मैंने आज बांग्लादेश प्राधिकरण की अंतरिम सरकार के साथ मिलकर काम करने की भारत की इच्छा को रेखांकित किया है।

    कई मुद्दों पर हुई चर्चा

    बता दे कि भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख अधिकारियों के साथ चर्चा करने के लिए सोमवार को ढाका पहुंचे। यहां उन्होंने बांग्लादेश के विदेश सचिव जशीमुद्दीन के साथ व्यापार, वीजा पॉलिसी, सीमा पर तनाव, जल-बंटवारा और आपसी हित समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की।

    कृष्ण दास की गिरफ्तारी

    यह यात्रा बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से दोनों देशों के बीच पहली उच्च-स्तरीय बातचीत हुई। चर्चाओं का उद्देश्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की हालिया घटनाओं और आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी सहित कई मुद्दे शामिल रहे।

    2 जनवरी को होगी सुनवाई

    25 नवंबर को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास अभी भी हिरासत में हैं। भारत के विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश सरकार से आग्रह किया है कि वह यह सुनिश्चित करे कि उनके कानूनी अधिकारों की रक्षा की जाए और उनका मुकदमा पारदर्शी तरीके से चलाया जाए। उनके मामले की अगली सुनवाई 2 जनवरी 2025 को तय की गई है।

    एफओसी बैठकें जारी

    इससे पहले 4 दिसंबर को बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने पुष्टि की थी कि ये बैठकें आपसी हित पर केंद्रित रहेगी। सितंबर में बांग्लादेश के विदेश सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी। दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए और एफओसी बैठकें जारी रखने पर सहमति व्यक्त की थी।

    बांग्लादेश में मंदिरों पर हमला

    बता दें कि अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ बढ़ती हिंसा एक गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है। 6 दिसंबर को ढाका के पास धोर गांव में स्थित हिंदू मंदिर महाभाग्य लक्ष्मीनारायण मंदिर में कथित तौर पर आग लगा दी गई। मंदिर के पर्यवेक्षक बाबुल घोष ने अज्ञात हमलावरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि हमलावरों के भागने से पहले मूर्तियों पर पेट्रोल डाला गया था।

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