ASEAN Summit 2020: 26 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगा आयोजित
कोरोना वायरस (COVID-19) के कारण दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (ASEAN) का 36 वां शिखर सम्मेलन 26 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किया जाएगा।
हनोई, आइएएनएस। कोरोना वायरस (COVID-19) के कारण दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (ASEAN) का 36 वां शिखर सम्मेलन 26 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किया जाएगा। वियतनाम समाचार एजेंसी ने देश के विदेश मंत्रालय का हवाले से इसकी जानकारी दी। गौरतलब है कि साल 2020 के सम्मेलन की मेजबानी वियातनाम करने वाला है। वियतनामी प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुच उद्घाटन सत्र, पूर्ण सत्र और डिजिटल युग में महिला सशक्तिकरण पर विशेष सत्र की अध्यक्षता करेंगे। फुच, आसियान सम्मेलन 2020 के अध्यक्ष हैं।
इसके अलावा आसियान देशों के नेताओं और आसियान अंतर-संसदीय विधानसभा (AIPA) और आसियान व्यापार सलाहकार परिषद (ASEAN-BAC) के बीच संवाद सत्र का भी आयोजन होगा। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने रविवार को इसकी जानकारी दी। समाचार एजेंसी के अनुसार 22 जून से 24 जून तक अनौपचारिक विदेश मंत्रियों की बैठक और 26 वीं आसियान समन्वय परिषद की बैठक की तैयारी होगी, जो वियतनामी उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री फाम बिन्ह मिन्ह की अध्यक्षता में होगी।
अप्रैल में आयोजित होने वाला था सम्मेलन
वियतनामी उद्योग और व्यापार मंत्री त्रान तुआन अन्ह क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (RCEP) पर मंत्री स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बता दें कि 36 वां आसियान शिखर सम्मेलन अप्रैल में आयोजित होने वाला था, लेकिन दुनिया में कोरोना महामारी का व्यापक प्रसार के मद्देनजर इसको जून के अंत तक स्थगित कर दिया गया था।
कोरोना वायरस को लेकर अप्रैल में हुई थी चर्चा
गौरतलब है कि आसियान के नेताओं ने अप्रैल में कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे और इससे निपटने रणनीति को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विचार-विमर्श किया था। इस बैथक की अध्यक्षता वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुच ने की थी। इस बैठक में मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, ब्रुनेई, कंबोडिया, सिंगापुर, थाईलैंड, इंडोनेशिया, लाओस और वियतनाम नेताओं ने हिस्सा लिया था। आसियान सहयोगी चीन, जापान और दक्षिण कोरिया ने भी इसमें हिस्सा लिया था। फुच ने इस दौरान वायरस से लड़ने में आसियान के काम की सराहना करने के साथ-साथ इसके सामाजिक-आर्थिक स्थिति और सामाजिक सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चेतावनी दी थी।