'मनमोहन सिंह ने मेरे बच्चों के लिए छात्रवृत्ति की पेशकश की थी', मलेशियाई पीएम इब्राहिम ने बताया किस्सा
मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने शुक्रवार को मनमोहन सिंह को एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। इंटरनेट मीडिया पर एक पोस्ट में उन्होंने पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री को याद किया और बताया कि कैसे भारतीय नेता ने उनके जेल में रहने के दौरान उनके बच्चों के लिए छात्रवृत्ति की पेशकश की थी। अनवर इब्राहिम ने उनके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था लेकिन वे स्पष्ट रूप से इस भाव से प्रभावित थे।

पीटीआई, सिंगापुर। मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने शुक्रवार को मनमोहन सिंह को एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। इंटरनेट मीडिया पर एक पोस्ट में उन्होंने पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री को याद किया और बताया कि कैसे भारतीय नेता ने उनके जेल में रहने के दौरान उनके बच्चों के लिए छात्रवृत्ति की पेशकश की थी। हालांकि, अनवर इब्राहिम ने उनके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था, लेकिन वे स्पष्ट रूप से इस भाव से प्रभावित थे। मलेशियाई नेता 1999 से 2004 तक जेल में रहे, जब उनकी सजा पलट दी गई। इस दौरान डॉ. मनमोहन सिंह राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे।
एक्स पर बताई पूरी बात
एक्स पर, उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री को भारत को विश्व की आर्थिक महाशक्तियों में से एक के रूप में उभरने की दाई के रूप में वर्णित किया। उन्होंने लिखा कि राजनेता के तौर पर डॉ मनमोहन सिंह थोड़े अजीब हैं, लेकिन एक राष्ट्र कर्मी के तौर पर वे निर्विवाद रूप से ईमानदार, दृढ़ थे। वे अपने पीछे ऐसी विरासत छोड़ गए हैं जो आने वाली पीढि़यों को प्रेरित करेगी।
उन्होंने लिखा कि बहुत से लोग यह नहीं जानते है और अब समय आ गया है कि मैं इसे मलेशियाई लोगों के साथ साझा करूं, मेरे कारावास के वर्षों के दौरान मनमोहन सिंह ने ऐसी दयालुता दिखाई, जिसकी उन्हें जरूरत नहीं थी। उन्होंने मेरे बच्चों, खास तौर पर मेरे बेटे इहसान के लिए छात्रवृत्ति की पेशकश की थी।
The weight of grief bears down on me at the news of the passing of my honoured and cherished friend: Dr Manmohan Singh.
— Anwar Ibrahim (@anwaribrahim) December 27, 2024
Obituaries, essays and books a plenty there will surely be about this great man, celebrating him as the architect of India’s economic reforms. As Prime… pic.twitter.com/44bA3s7vst
मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कहा- अलविदा, मेरे मित्र, मेरे भाई
मलेशियाई प्रधानमंत्री ने लिखा कि हालांकि मैंने इस शानदार पेशकश को अस्वीकार कर दिया था, लेकिन इस तरह के इशारे ने निस्संदेह उनकी असाधारण मानवता और उदारता को दर्शाया। उन्होंने लिखा, 'उन काले दिनों में, जब मैं कारावास की भूलभुलैया से गुजर रहा था, वे एक सच्चे मित्र की तरह मेरे साथ खड़े रहे। शांत उदारता के ऐसे कार्य उन्हें परिभाषित करते हैं और वे हमेशा मेरे दिल में अंकित रहेंगे। अलविदा, मेरे मित्र, मेरे भाई, मनमोहन।
मुंबई हमले के बाद पाक पर सैन्य कार्रवाई करना चाहते थे मनमोहन: कैमरन
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने अपने संस्मरण में उल्लेख किया है कि जुलाई 2011 के मुंबई बम विस्फोटों के बाद मनमोहन ¨सह ने उनसे कहा था कि यदि ऐसा कोई और हमला होता है तो भारत को पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करनी होगी। पूर्व ब्रिटिश पीएम कैमरन ने 2019 में आई अपनी किताब 'फार द रिकार्ड' में लिखा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मेरे अच्छे संबंध थे। वह एक संत पुरुष थे, लेकिन भारत के सामने आने वाले खतरों के बारे में वह सख्त थे।
एक यात्रा पर उन्होंने मुझसे कहा था कि जुलाई 2011 में मुंबई जैसे एक और आतंकी हमले की स्थिति में भारत को पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करनी होगी। 2013 में अमृतसर की यात्रा के दौरान तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के साथ चर्चा के दौरान 1919 में हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड को ब्रिटिश इतिहास की बेहद शर्मनाक घटना बताया था। गौरतलब है कि मुंबई के विभिन्न स्थानों पर 13 जुलाई 2011 को तीन बम विस्फोट हुए थे। ये धमाके ओपेरा हाउस, जावेरी बाजार और दादर पश्चिम क्षेत्रों में शाम 6:54 बजे से 7:06 बजे के बीच हुए थे, जिसमें 26 लोग मारे गए और 130 लोग घायल हो गए थे।
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