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    अमेरिका जाना अब आसान नहीं! सोशल मीडिया पर संभलकर करें पोस्ट, नई नीति से रद हो सकता है वीजा

    अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) जो कि होमलैंड सुरक्षा विभाग की एक एजेंसी है ने कहा कि इजरायल उसके नागरिकों या यहूदी समुदाय की आलोचना करने वाले पोस्ट को शेयर करने पर अमेरिकी वीजा या निवास परमिट नहीं मिलेगा। यह नीति तुरंत प्रभावी होगी और छात्र वीजा और अमेरिका में रहने के लिए स्थायी निवासी ग्रीन कार्ड के अनुरोधों पर लागू होगी।

    By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Thu, 10 Apr 2025 01:32 PM (IST)
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    अमेरिका में एंट्री अब और मुश्किल (file photo)

    डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। अब जो लोग अमेरिका जाना चाहते हैं, उनके लिए वहां जाना पहले की तरह आसान नहीं रहा। भले ही आपके पास वैध अमेरिकी वीजा या ग्रीन कार्ड हो, फिर भी आपको ट्रंप प्रशासन की नई आव्रजन नीतियों के तहत अमेरिकी हवाई अड्डों पर हिरासत, निर्वासन या डिवाइस तलाशी का सामना करना पड़ सकता है।

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    अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) जो कि होमलैंड सुरक्षा विभाग की एक एजेंसी है ने कहा कि इजरायल, उसके नागरिकों या यहूदी समुदाय की आलोचना करने वाली पोस्ट शेयर करने पर भी अमेरिकी वीजा या निवास परमिट नहीं मिलेगा।

    ऐसे लोगों को नहीं मिलेगा वीजा...

    अमेरिकी आव्रजन अधिकारियों ने कहा है कि वो अब सोशल मीडिया गतिविधि की जांच करेंगे और ऐसे लोगों को वीजा या निवास देने से इनकार कर देंगे।

    यह नीति तुरंत प्रभावी होगी और छात्र वीजा और अमेरिका में रहने के लिए स्थायी निवासी ग्रीन कार्ड के अनुरोधों पर लागू होगी।

    USCIS के अनुसार, हमास, फलस्तीनी इस्लामिक जिहाद, लेबनान में हिजबुल्लाह और यमन में हूतियों का समर्थन करने वाली पोस्ट को यहूदी विरोधी सामग्री के रूप में देखा जाएगा। वीजा आवेदन प्रक्रिया के दौरान इसे एक नकारात्मक कारक माना जाएगा।

    'आतंकी समर्थकों के लिए अमेरिका में कोई जगह नहीं'

    डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) की असिस्टेंट सेक्रेटरी फॉर पब्लिक अफेयर्स ट्रिसिया मैकलॉफलिन ने कहा, 'दुनिया भर के आतंकी समर्थकों के लिए अमेरिका में कोई जगह नहीं है। हमारे ऊपर कोई जिम्मेदारी नहीं है कि हम उन्हें देश में आने दें या यहां रहने दें। उन्होंने कहा, 'कोई भी व्यक्ति जो सोचता है कि वह अमेरिका आ सकता है और यहूदी विरोधी हिंसा और आतंकवाद की वकालत करते हुए रह सकता है तो फिर से सोच लें, यहां आपका स्वागत नहीं है।'