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    हवा में जहर घोल रही है अमेजन की आग, किलिमंजारो के बराबर ऊंचाई पर एकत्र हो रही जहरीली गैस

    By Manish PandeyEdited By:
    Updated: Mon, 26 Aug 2019 10:51 PM (IST)

    नासा का एक्वा सेटेलाइट अमेजन के जंगलों में लगी आग से वायुमंडल में बढ़ते कार्बन मोनोआक्साइड की मात्रा का आकलन कर रहा है।

    हवा में जहर घोल रही है अमेजन की आग, किलिमंजारो के बराबर ऊंचाई पर एकत्र हो रही जहरीली गैस

    ब्रासीलिया, एजेंसी। धरती का फेफड़ा कहे जाने वाले अमेजन के जंगल धधक रहे हैं। पूरे दुनिया के पर्यावरणविद चिंतित हैं। इस आग की गर्मी फ्रांस में चल रहे जी-7 सम्मेलन में भी महसूस की गई। आग को बुझाने के लिए धरती पर युद्धस्तर पर प्रयास जारी हैं तो आसमान में एक ऐसी आंख है जो टकटकी लगाएं इससे प्रदूषित हो रहे वायुमंडल का आकलन कर रही है। नासा का एक्वा सेटेलाइट अमेजन के जंगलों में लगी आग से वायुमंडल में बढ़ते कार्बन मोनोआक्साइड की मात्रा का आकलन कर रहा है।

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    नासा का एटमास्फेरिक इंफ्रारेड साउंडर (एयर्स) सेटेलाइट पिछले तीन दिनों से अमेजन के जंगलों में लगी आग से निकल रही जहरीली गैस कार्बन मोनोआक्साइड का आकलन कर रहा है। ये गैस 18 हजार फीट की ऊंचाई पर एकत्र हो रही है। यह ऊंचाई नेपाल के माउंट काला पत्थर और तंजानिया के किलिमंजारो के बराबर है। मैप में जिस तरह से रंग हरे से पीले और फिर लाल में तब्दील हो रहा है, वह बताता है कि कार्बन मोनोआक्साइड का सांद्रता (पीपीएम) में तेजी से वृद्धि हो रही है।

    एक महीने तक मौजूद रह सकती है गैस 
    हवा के साथ कार्बन मोनोआक्साइड गैस लंबी दूरी तय कर सकती है। यह एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप की वायु को प्रभावित करने में सक्षम हैं। वायुमंडल में करीब एक महीने तक मौजूद रह सकती है। इसके बाद ही इसका असर खत्म होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार अच्छी बात यह है कि गैस बहुत ऊंचाई पर है। लिहाजा जिस वायु के हम सांस में अंदर लेते हैं वह इससे अछूती है, लेकिन अगर तेज हवा इसके प्रदूषक तत्वों को धरती की तरफ धकेल देंगी तो दुनिया के अधिकांश हिस्से का वायु गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती है।

    धरती का फेफड़ा है अमेजन के जंगल 
    धरती की कुल ऑक्सीजन का 20 फीसद हिस्सा तैयार करने के लिए अमेजन के जंगल उत्तरदायी हैं। लिहाजा इसे धरती का फेफड़ा भी कहा जाता है। वैश्विक समुदाय इसीलिए चिंतित है क्योंकि इससे दुनिया की वायु गुणवत्ता के प्रतिकूल रूप से प्रभावित होने का खतरा है। अमेजन बेसिन तीस लाख पौधों और जीवों की प्रजातियों का घर है। दस लाख जनजातियां यहां रहती हैं। ग्लोबल वार्मिग को रोकने में इस क्षेत्र का बड़ा योगदान है। इसके जंगल लाखों टन उत्सर्जित कार्बन को हर साल सोखते हैं। लेकिन लगातार हो रही वनों की कटाई और आग की घटनाओं से पेड़ों में जमा कार्बन फिर से वायुमंडल में पहुंच जा रहा है।

    आसपास के इलाकों में छाया धुएं का गुबार
    अमेजन के जंगलों में लगी आग से उठ रहे धुएं का गुबार अमेजन और उसके आसपास के इलाकों में छाया हुआ है। यूरोपीय संघ के अर्थ आब्जर्वेशन प्रोग्राम के तहत भेजे गए सेटेलाइट कोपरनिकस एटमॉस्फेयर मानीटरिंग सर्विस (कैम्स) के अनुसार यह धुंआ अटलांटिक तट तक फैल गया है। यहां से 3200 किमी दूर साओ पाउलो का आसमान भी धुएं से भर चुका है। आग से बड़ी मात्रा में कार्बन डाईऑक्साइड गैस निकल रही है। इस साल आग से 228 मेगाटन कार्बन डाईऑक्साइड निकलने का अनुमान है। गैस की यह मात्रा 2010 के बाद सर्वाधिक है। इस घटना में कार्बन मोनोआक्साइड भी उत्सर्जित हो रही है।

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