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    मौसम के कहर से निपटने में गरीब देशों को मिलेगी मदद, जलवायु परिवर्तन से प्रभावित देशों को मिलेगा तिगुना फंड

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 06:50 AM (IST)

    जलवायु परिवर्तन से प्रभावित गरीब देशों को और रकम मिलेगी ताकि इन देशों को मौसम के कहर से निपटने में मदद पा सकें। ब्राजील में संयुक्त राष्ट्र कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज (कॉप-30) जलवायु शिखर सम्मेलन में शनिवार को दुनिया के विभिन्न देशों के बीच इस समझौते पर सहमति बन गई, लेकिन समझौते में इसके लिए जिम्मेदार जीवाश्म ईंधनों का कोई जिक्र नहीं किया गया। 

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    जलवायु परिवर्तन से प्रभावित देशों को मिलेगा तिगुना फंड (फोटो- एक्स)

    रॉयटर, बेलम। जलवायु परिवर्तन से प्रभावित गरीब देशों को और रकम मिलेगी ताकि इन देशों को मौसम के कहर से निपटने में मदद पा सकें। ब्राजील में संयुक्त राष्ट्र कांफ्रेंस आफ पार्टीज (कॉप-30) जलवायु शिखर सम्मेलन में शनिवार को दुनिया के विभिन्न देशों के बीच इस समझौते पर सहमति बन गई, लेकिन समझौते में इसके लिए जिम्मेदार जीवाश्म ईंधनों का कोई जिक्र नहीं किया गया।

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    जीवाश्म ईंधन धीरे-धीरे खत्म करने पर नहीं बनी सहमति

    जीवाश्म ईंधनों को धीरे-धीरे खत्म करने या उत्सर्जन कम करने पर सहमति नहीं बन सकी। समझौते के तहत 2035 तक विकासशील देशों के लिए क्लाइमेट फंडिंग तीन गुना हो जाएगी।

    बेलम में हुए समझौते से जलवायु परिवर्तन से निपटने में तेजी लाई जा सकेगी। अमीर देशों से अपील की गई है कि वे 2035 तक विकसित देशों को गर्म होती दुनिया के हिसाब से ढलने में मदद के लिए दिए जाने वाले पैसे को कम से कम तीन गुना कर दें। विकासशील देशों को समुद्र का बढ़ते स्तर और भीषण गर्मी, सूखा, बाढ़ और तूफान से निपटने के लिए तुरंत फंड की जरूरत है।

    अधिकतर देशों ने जलवायु परिवर्तन पर एकता दिखाई

    इस समझौते के लिए अधिकतर देशों ने जलवायु परिवर्तन के असर से निपटने में एकता दिखाने की कोशिश की, लेकिन अमीर और विकासशील देशों के बीच, साथ ही तेल, गैस और कोयले पर अलग-अलग सोच रखने वाली सरकारों के बीच मतभेद सामने आए।

    दुनिया में सबसे अधिक कार्बन उत्सर्जन करने वाले अमेरिका ने इस सम्मेलन में आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजा। काप- 30 के अध्यक्ष आंद्रे कोरेया डो लागो ने शनिवार को कहा, कुछ पक्षों की महत्वाकांक्षाएं अधिक थीं।

    उन्होंने माना कि वार्ता मुश्किल रही।ब्राजील के बेलम में 10 नवंबर से शुरू हुआ यह सम्मेलन शुक्रवार को समाप्त होने वाला था लेकिन वार्ताकार इस समय सीमा के बाद भी सहमति बनाने के प्रयास में लगे थे। इससे यह सम्मेलन शनिवार तक खिंच गया।

     जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों में तेजी

    देश जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों में तेजी लाने, उससे जुड़ी व्यापार बाधाओं की समीक्षा करने और विकासशील देशों को मौसमी की घटनाओं का सामना करने में मदद करने के लिए दिए जाने वाले फंड को तीन गुना करने के कदमों पर सहमति जताई है।

    जीवाश्म ईंधनों को लेकर हुई चर्चा

    जीवाश्म ईंधनों को लेकर यूरोपियन यूनियन और अरब ग्रुप के देशों के बीच गतिरोध को शुक्रवार को पूरी रात चली बातचीत के बाद दूर किया गया और इस मुद्दे को समझौते से बाहर रखने पर सहमति बनी। कुछ पक्षों ने कहा कि समझौते के कुछ हिस्सों को मंजूरी देने से पहले उनकी आपत्तियों को नहीं सुना गया।