Taliban vs Pakistan: जवाहिरी की हत्या के बाद तालिबान और पाकिस्तान में ठनी, कैसे एयर स्पेस को लेकर दोस्ती दुश्मनी में बदली?
Taliban vs Pakistan ऐसे में सवाल उठता है कि तालिबान का समर्थक पाकिस्तान ने ऐसा क्यों किया। इस क्रम में पाकिस्तान और तालिबान के रिश्तों पर भी रोशनी डालेंगे। क्या इस घटना का दोनों पर कोई असर पड़ेगा। आखिर अल-जवाहिरी की हत्या के बाद यह सवाल क्यों अहम हुआ।

नई दिल्ली, जेएनएन। Taliban vs Pakistan: अल-कायदा सरगना अयमान अल-जवाहिरी की अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत के बाद अब तालिबान और पाकिस्तान में ठन गई है। तालिबान के कार्यवाहक रक्षा मंत्री ने रविवार को आरोप लगाया था कि हमले के लिए पाकिस्तान ने अमेरिका को अपना हवाई क्षेत्र मुहैया कराया था। इस पर पाकिस्तान ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। ऐसे में सवाल उठता है कि तालिबान का समर्थक पाकिस्तान ने ऐसा क्यों किया। इस क्रम में पाकिस्तान और तालिबान के रिश्तों पर भी रोशनी डालेंगे। क्या इस घटना का दोनों पर कोई असर पड़ेगा। आखिर अल-जवाहिरी की हत्या के बाद यह सवाल क्यों अहम हुआ।
तालिबान और पाकिस्तान में टकराव
1- विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि तालिबान और पाकिस्तान के संबंधों में कई बार उतार-चढ़ाव देखे हैं। उन्होंने कहा कि यह पहली दफा नहीं है जब तालिबान ने पाकिस्तान सरकार पर आरोप लगाया है। पूर्व में भी तालिबान सरकार ने इस तरह के आरोप लगाए हैं। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने पाकिस्तानी सेना पर आरोप लगाया था कि उसने कुनार व खोस्त में बमबारी की है। तालिबान का दावा था कि पाक सेना के इस हमले में 40 लोगों की मौत हो गई थी।तालिबान के इस आरोप पर पाकिस्तान हुकूमत ने कहा था कि आतंकवादी पाकिस्तान में आतंकी वारदात के लिए अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल कर रहे हैं। उस समय तालिबान और पाकिस्तान के संबंध काफी तल्ख हो गए थे। पाकिस्तान की इस प्रतिक्रिया के बाद तालिबान हुकूमत ने पाकिस्तान को परिणाम भुगतने तक की चेतावनी दे डाली थी।
2- उन्होंने कहा कि तालिबान और पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा को लेकर भी गहरा विवाद रहा है। डूरंड लाइन को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद कायम है। हालांकि, अफगानिस्तान की किसी हुकूमत ने इस सीमा रेखा को कभी भी मान्यता नहीं दी है। बता दें कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच की अंतरराष्ट्रीय सीमा को डूरंड लाइन के नाम से जाना जाता है। ब्रिटिश सरकार ने तत्कालीन भारत के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों पर नियंत्रण मजबूत करने के लिए 1893 में अफगानिस्तान के साथ 2640 किमी लंबी सीमा रेखा खींची थी। यह रेखा अफगानिस्तान और पाकिस्तान को अलग करती है। ब्रिटिश हुकूमत के दौरान काबुल में ब्रिटिश इंडिया के तत्कालीन विदेश सचिव सर मॉर्टिमर डूरंड और अमीर अब्दुर रहमान खान के बीच यह समझौता हुआ था। हालांकि, अफगानिस्तान इसे अंतरराष्ट्रीय सीमा नहीं मानता है।
आखिर क्या है ताजा विवाद
A- तालिबान ने पाकिस्तान पर लगाए .आरोप..
तालिबान सरकार के रक्षा मंत्री मौलवी मोहम्मद याकूब का आरोप था कि अमेरिकी ड्रोन अभी भी पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान में प्रवेश कर रहे हैं। तालिबान के रक्षा मंत्री ने कहा कि अमेरिकी ड्रोन अफगनिस्तान के हवाई क्षेत्र में वाया पाकिस्तान प्रवेश कर रहे हैं जो कि देश की सम्प्रभुता की अवहेलना करना है। अल-कायदा प्रमुख अल-जवाहिरी की काबुल में मौत के बाद यह सवाल और गंभीर हो गया है। जवाहिरी की मौत की खबर खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने दी थी। उन्होंने कहा था कि एक ड्रोन अभियान के जरिए जवाहिरी की काबुल में हत्या कर दी गई। इस हमले के बाद इस तरह के आरोप थे कि इस हमले के लिए पाकिस्तान के एयर-स्पेस का इस्तेमाल किया गया।
B- पाकिस्तान का जबाव....
पाकिस्तान का कहना है कि तालिबान सरकार के कार्यवाहक रक्षा मंत्री ने अमेरिकी ड्रोन के पाकिस्तान के एयर स्पेस का इस्तेमाल करने की बात कही है जो कि राजनयिक शिष्टाचार के विरुद्ध है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि बिना किसी सुबूत के इतने गंभीर आरोप लगाना बेहद आपत्तिजनक है। मंत्रालय की ओर से कहा गया कि यह आरोप इसलिए और गंभीर हैं क्योंकि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के एक नेता की ओर से यह बयान दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि उनका मुल्क सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को बरकरार रखने में विश्वास करता है। साथ ही आतंकवाद के हर प्रारूप की निंदा करता है।
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