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    आखिर कब थमेगा सिलसिला? ईरान और पाकिस्तान ने फिर वापस भेजे 12 हजार अफगानी शरणार्थी; मानवीय संकट गहराया

    By Agency Edited By: Abhinav Atrey
    Updated: Sun, 07 Jul 2024 01:06 PM (IST)

    Afghanistan Humanitarian Crisis ईरान और पाकिस्तान से अफगान शरणार्थियों को जबरन वापस भेजे जाने से अफगानिस्तान में मानवीय संकट गहरा गया है। दरअसल जो प्रवासी निर्वासित किए गए हैं उनमें से कईयों को अफगानिस्तान लौटने के बाद अनिश्चित भविष्य का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि अफगानिस्तान इस समय आर्थिक अस्थिरता और जरूरी बुनियादी सेवाओं की कमी का सामना कर रहा है।

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    मानवीय संगठनों के सामने शरणार्थियों को मदद करने में मुश्किल आ रही। (फाइल फोटो)

    एएनआई, काबुल। पिछले चार दिनों में ईरान और पाकिस्तान ने लगभग 12,000 अफगान प्रवासियों को निर्वासित कर दिया है। तालिबान के शरणार्थी मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि 11,997 अफगान प्रवासियों को पाकिस्तान और ईरान की सरकारों ने अपने देश से निष्कासित कर दिया है। सभी शरणार्थी अफगानिस्तान लौट आए हैं।

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    समाचार एजेंसी एएनआई ने खामा प्रेस के हवाले से बताया है कि ईरान और पाकिस्तान से निष्कासित किए गए लोग 3 से 6 जुलाई के बीच तोरघुंडी, स्पिन बोल्डक, इस्लाम कला-हेरात और अब्रेशिम-निमरुज बॉर्डर से अफगानिस्तान में प्रवेश कर गए।

    इससे पहले 13,447 अफगान प्रवासी निष्कासित हुए थे

    खामा प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया के बावजूद मानवीय संकट के बीच ईरान और पाकिस्तान से अफगान प्रवासियों को निर्वासित करने का सिलसिला जारी है। इससे पहले ईरान और पाकिस्तान से 13,447 अफगान प्रवासियों को निष्कासित कर दिया गया था।

    अफगानिस्तान में मानवीय संकट गहराया

    बता दें कि ईरान और पाकिस्तान से अफगान शरणार्थियों को जबरन वापस भेजे जाने से अफगानिस्तान में मानवीय संकट गहरा गया है। दरअसल, जो प्रवासी निर्वासित किए गए हैं उनमें से कईयों को अफगानिस्तान लौटने के बाद अनिश्चित भविष्य का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि अफगानिस्तान इस समय आर्थिक अस्थिरता और जरूरी बुनियादी सेवाओं की कमी का सामना कर रहा है।

    मानवीय संगठनों के सामने मदद करने में मुश्किल आ रही

    उधर अफगानिस्तान वापस लौटने वालों शरणार्थियों की अचानक बढ़ोतरी से मानवीय संगठनों को सभी को एक साथ मदद करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, दुनिया भर के मानवाधिकार समूहों और संगठनों ने बड़े पैमाने पर निर्वासन की निंदा की है और अफगान निर्वासितों की सुरक्षा के बारे में चिंता जताई है।

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