Afghanistan: तालिबानियों के सामने नहीं झुकेंगी अफगानी महिलाएं, सीक्रेट अंडरग्राउंड स्कूल में पढ़ रही 600 से अधिक लड़कियां
तालिबान ( Taliban Secret Schools ) के शिक्षा प्रतिबंध के बावजूद 600 से अधिक अफगान महिलाओं और लड़कियों ने इन कट्टरपंतियों के सामने झुकने से इनकार कर दिया है। एबीसी न्यूज (अमेरिकन ब्रॉडकास्ट कॉरपोरेशन) की एक रिपोर्ट के अनुसार तालिबान की महिलाएं बिना किसी डर के अपनी पढ़ाई पूरी करने में लगी हुई है । 25 साल की परास्तो द्वारा एसआरएके नामक एक गैर-पंजीकृत एनजीओ चलाया जा रहा है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Taliban Secret School: 2021 में तालिबान की सत्ता ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया और तब से महिलाओं की जिंदगी बदतर हो गई। बच्चियों के स्कूल न जाने देने से लेकर महिलाओं के कपड़े पहनने के नियम को लेकर कई कठोर कदम उठाए गए है।
सबसे पहले, सत्तावादी समूह ने महिला छात्रों को हाई स्कूल में जाने से मना किया। फिर 2021 दिसंबर में बच्चियों के प्राथमिक विद्यालय में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।इन प्रतिबंधों की पश्चिमी सरकारों और दुनिया भर के मानवाधिकार समूहों ने व्यापक निंदा की।
तालिबान में चलाया जा रहा अंडरग्राउंड स्कूल
तालिबान के शिक्षा प्रतिबंध के बावजूद 600 से अधिक अफगान महिलाओं और लड़कियों ने इन कट्टरपंतियों के सामने झुकने से इनकार कर दिया है। एबीसी न्यूज (अमेरिकन ब्रॉडकास्ट कॉरपोरेशन) की एक रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान की महिलाएं बिना किसी डर के अपनी पढ़ाई पूरी करने में लगी हुई है। 25 साल की परास्तो द्वारा एसआरएके नामक एक गैर-पंजीकृत एनजीओ चलाया जा रहा है। यह NGO अंडरग्राउंड में है जहां एक सीक्रेट नेटवर्क स्कूल चलाया जा रहा है।
एबीसी न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में परस्तो ने कहा 'काबुल का पतन हम युवा पीढ़ी के लिए आसान बात नहीं थी, खासकर, जो शिक्षित थे और उनके सपने थे, लेकिन अब सब कुछ खत्म हो गया है। मैंने टीवी पर देखा कि लड़कियां स्कूलों से बाहर आ रही थीं और रो रही थीं और उन्हें अपने घरों में वापस जाने के लिए कहा गया। यह विनाशकारी था।'
परास्तो ने कहा कि वह घर पर बैठ कर यह सब नहीं देख सकती थी, इसलिए उसने अफगान लड़कियों के लिए गुप्त रूप से पढ़ाई जारी रखने के लिए स्कूलों का एक अंडरग्राउंड स्कूल खोला। शिक्षकों के लिए उन्होंने अपने दोस्तों को शामिल किया। एबीसी से बात करते हुए एक 16 वर्षीय छात्रा ने कहा कि स्कूल जाने से उसे खुशी मिलती है और वह चाहती है कि वह वहां अधिक समय बिता सके।
हालांकि, तालिबान की नजर में यह अंडरग्राउंड स्कूल अवैध हैं। हमेशा शिक्षकों और छात्रों के पकड़े जाने का डर बना रहता है। किसी के घर के अंदर सीक्रेट स्कूल चलाने की भनक तालिबानियों को तब लगी जब उन्होंने घर के मालिक से पूछताछ शुरू की। राहत की बात यह थी जब तालिबानी अधिकारी स्कूल की तलाशी कर रहे थे उस समय कोई भी छात्र या शिक्षक वहां मौजूद नहीं थे।
डर लगता है, झुकना एक तरीके से मर जाना
परास्तो कहती है कि जब भी वह अडंरग्राउंड स्कूल में आती है तो उन्हें डर लगता है। हालांकि, वह यह भी कहती है कि डर के आगे झुकना एक तरीके से मर जाना है। परास्तो ने कहा कि जब तालिबानियों ने घरों की तलाशी शुरू की तो कुछ समय के लिए स्कूल बंद करना पड़ा। परास्तो ने कहा कि अगर यह स्कूल बंद हो गया तो मजबूरन इन लड़कियों की शादी करा दी जाएगी।
कम उम्र में शादी होने के कारण यह बच्चे को जन्म देते समय ही दम तोड़ सकती है। यहां किसी क्लिनिक तक पहुंच नहीं है। परास्तो ने कहा कि सीमित संसाधनों के कारण अडंरग्राउंड स्कूल ज्यादा समय तक नहीं चलाए जा सकते है। कई स्कूलों में विद्यार्थियों को पढ़ाई के दौरान गर्म रखने के लिए बिजली नहीं है और कई शिक्षक बिना वेतन के काम करते हैं।
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