ईरान में विरोध प्रदर्शनों के बाद जेल में 533 पत्रकार, रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
ईरान में विरोध प्रदर्शनों के बाद 2022 में दुनिया भर में जेल की सजा काटने वाले पत्रकारों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। यह संख्या बढ़कर रिकॉर्ड स्तर 533 तक पहुंच गई है। इसका खुलासा रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की एक रिपोर्ट में हुआ है।
पेरिस: ईरान में विरोध प्रदर्शनों के बाद 2022 में दुनिया भर में जेल की सजा काटने वाले पत्रकारों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। बता दें कि यह संख्या बढ़कर रिकॉर्ड स्तर 533 तक पहुंच गई है। फ्रांस स्थित एनजीओ के अनुसार, यह आंकड़ा 2021 में 488 से ऊपर है। इसका खुलासा रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) की बुधवार को आई एक रिपोर्ट में किया गया है।
5 देशों में अधिक पत्रकार हैं जेल में
रिपोर्ट के मुताबिक हिरासत में लिए गए आधे से अधिक पत्रकार सिर्फ पांच देशों में ही है जिनमें चीन सबसे आगे है जहां 110 पत्रकार जेल में बंद है। इसके बाद म्यांमार (62), ईरान (47), वियतनाम (39) और बेलारूस में 31 पत्रकार जेल में बंद कर दिए गए हैं।
आरएसएफ के महासचिव क्रिस्टोफ डेलॉयर ने एक बयान में कहा, तानाशाही और निरंकुश सरकारें पत्रकारों को जेल भेजकर पहले से कहीं ज्यादा तेजी से अपनी जेलें भर रही हैं। हिरासत में लिए गए पत्रकारों की संख्या में यह नया रिकॉर्ड सरकारों का विरोध करने और पत्रकारिता की स्वतंत्रता के आदर्श को अपनाने वाले सभी लोगों के लिए एकजुटता की तत्काल जरूरत का संकेत है। आरएसएफ ने कहा, ईरान एकमात्र ऐसा देश है जो पिछले साल सूची का हिस्सा नहीं था।
ईरान ने 34 पत्रकारों को बंद किया जेल में
RSF कहा कि ईरान ने 22 वर्षीय महसा अमिनी (जिसे देश के सख्त ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के लिए गिरफ्तार किया गया था) की हिरासत में मौत पर सितंबर में विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से "अभूतपूर्व" 34 मीडिया पेशेवरों को बंद कर दिया था।
रिपोर्ट में बताया गया है कि जेल में महिला पत्रकारों की संख्या भी दुनिया भर में उच्च स्तर पर पहुंच गई है, जो 2021 से 60 से बढ़कर 78 हो गई है। वहीं जेल में महिला पत्रकारों के बढने के पीछे मुख्य कारण इस पेशे में महिलाओं की बढ़ोतरी भी है।
महिला पत्रकारों को भी भेजा जेल
रिपोर्ट के मुताबिक ईरानियों निलुफ़र हमीदी और इलाहे मोहम्मदी जैसी महिला पत्रकार जो ईरान में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार की गई थी वह अन्य 15 महिला पत्रकारों के साथ अब जेल की सजा काट रही हैं।आरएसएफ ने कहा, "यह ईरानी सरकार की महिलाओं को चुप कराने की मंशा दर्शाता है।"
वहीं एनजीओ ने सोमवार को नरगेस मोहम्मदी को पुरस्कार से सम्मानित भी किया, जो पिछले एक दशक में कई बार जेल जाकर आए हैं। इसके अलावा तीन चौथाई जेल में बंद पत्रकार एशिया और मध्य पूर्व से हैं।
मरने वाले पत्रकारों की भी संख्या बढ़ी
मारे गए पत्रकारों की संख्या भी बढ़ी है, विशेष रूप से यूक्रेन में युद्ध के कारण - पिछले दो वर्षों में क्रमशः 48 और 50 के ऐतिहासिक निम्न से बढ़कर 57 हो गई है। युद्ध पर रिपोर्टिंग करने वाले 8 पत्रकार मारे गए हैं, जिनमें से 5 गैर-लड़ाकू देशों से हैं।
आरएसएफ ने कहा कि 2022 में दुनिया भर में मारे गए लगभग 80 प्रतिशत मीडिया पेशेवरों को जानबूझकर उनके काम या उनके द्वारा कवर की जा रही कहानियों, जैसे संगठित अपराध और भ्रष्टाचार के मामलों के संबंध में लक्षित किया गया था।
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