सवा लाख साल में सबसे गर्म होने की कगार पर वर्ष 2023; बाढ़, गर्मी और जंगल की आग के रूप में दिख रहा प्रभाव
यूरोपीय संघ के विज्ञानियों ने पिछले कुछ महीनों के तापमान को देखते हुए दावा किया है वर्ष 2023 पिछले सवा लाख साल में सबसे गर्म होने जा रहा है। रिकॉर्ड ...और पढ़ें

रायटर, ब्रसेल्स। यूरोपीय संघ के विज्ञानियों ने पिछले कुछ महीनों के तापमान को देखते हुए दावा किया है वर्ष 2023 पिछले सवा लाख साल में सबसे गर्म होने जा रहा है। वैश्विक स्तर पर अक्टूबर में औसत सतही हवा का तापमान 15.3 डिग्री सेल्सियस रहा। यह 1850-1900 के अक्टूबर औसत से 1.7 डिग्री सेल्सियस अधिक है।
वर्तमान में सबसे गर्म वर्ष 2016 रहा
इस अवधि को यूरोपीय संघ की कापरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा पूर्व-औद्योगिक काल के रूप में परिभाषित करती है। कापरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा (सी3एस) की उप निदेशक सामन्था बर्गेस ने तापमान की इस विसंगति को बेहद चरम बताया है। रिकॉर्ड में वर्तमान सबसे गर्म वर्ष 2016 रहा है।
वर्ष 2023 तोड़ सकता है 2026 का रिकॉर्ड
यह एक अल नीनो वर्ष था। हालांकि, 2023 उससे आगे निकलने की राह पर है। कापरनिकस के पास वर्ष 1940 से आंकड़े उपलब्ध हैं। बर्गेस ने कहा कि अगर इसका संयोजन आइपीसीसी के पास मौजूद आंकड़ों से करें तो हम कह सकते हैं कि यह पिछले 125,000 वर्षों का सबसे गर्म वर्ष होने वाला है।
संयुक्त राष्ट्र जलवायु विज्ञान पैनल आईपीसीसी के दीर्घकालिक आंकड़ों में बर्फ के टुकड़े, पेड़ के छल्ले और कोरल डिपॉजिट से ली गई जानकारियां शामिल होती हैं।
जलवायु परिवर्तन के देखे जा सकते हैं प्रभाव
उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी प्रभाव साफ देखे जा सकते हैं। बाढ़ के कारण लीबिया में हजारों की जान चली गई। वहीं, दक्षिण अमेरिका में भीषण गर्मी और कनाडा में जंगल की आग आदि इसके परिणाम हैं। ग्रीनहाउस गैस और अल नीनो जलवायु पैटर्न के कारण यह स्थिति और गंभीर हो गई।

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