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    War Tourism: दुनिया के 10 सबसे खतरनाक वार डेस्टिनेशन में है भारत का ये राज्य

    By Amit SinghEdited By:
    Updated: Sun, 11 Nov 2018 04:34 PM (IST)

    अंतरराष्ट्रीय ट्रैवेल कंपनियां इराक, सोमालिया, सीरिया और इजरायल जैसे संघर्ष क्षेत्रों में वार टूरिज्म के लिए विशेष पैकेज उपलब्ध करा रही हैं। इसमें भारत का भी एक राज्य शामिल है।

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    War Tourism: दुनिया के 10 सबसे खतरनाक वार डेस्टिनेशन में है भारत का ये राज्य

    नई दिल्ली [जागरण विशेष]। हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन ने अपने प्रसिद्ध गद्य अथातो घुमक्कड़ जिज्ञासा में लिखा है, मेरी समझ में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ वस्तु है घुमक्कड़ी। घुमक्कड़ी से बढ़कर व्यक्ति और समाज का कोई हितकारी नहीं हो सकता। प्राकृतिक रूप से आदिम मनुष्य परम घुमक्कड़ था। आज हम भी इसी घुमक्कड़ी की बात कर रहे हैं। आप ने अब तक कल्चरल टूरिज्म, ईको टूरिज्म, धार्मिक पर्यटन (रिलीजियस टूरिज्म) और एडवंचर टूरिज्म आदि ही सुने होंगे, जो पूरी दुनिया में बहुत में प्रसिद्ध है। लेकिन क्या आपने कभी वार टूरिज्म के बारे में सुना है?

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    हैरान न हों, वार टूरिज्म कोई परिकल्पना नहीं बल्कि वास्तविकता है, जो पूरी दुनिया में तेजी से प्रसिद्ध हो रही है। बहुत सी अंतरराष्ट्रीय ट्रैवेल कंपनियां, इराक, सोमालिया, सीरिया और इजरायल जैसे संघर्ष क्षेत्रों में पर्यटन के लिए विशेष पैकेज उपलब्ध करा रही हैं। इसमें भारत का भी एक राज्य शामिल है। इस तरह के पर्यटन पर 5 से 14 दिन के लिए आपको 3500 डॉलर (2,53,680 रुपये) से 20 हजार डॉलर (14,49,600 रुपये) तक खर्च करने पड़ सकते हैं। ट्रैवेल कंपनियां इस पैकेज में आपको वास्तविक युद्ध या संघर्ष क्षेत्र, वहां ले जाकर दिखाती हैं।

    हालांकि वॉर टूरिज्म दुनिया के कई देशों में लंबे अर्से से चल रहा है, लेकिन पिछले एक दशक में इसने पर्यटन उद्योग में अपनी पकड़ मजबूत की है। खास तौर पर पश्चिमी देशों में वार टूरिज्म तेजी से फल-फूल रहा है। इसे एक तरह के नए एडवंचरस टूरिज्म के तौर पर देखा जा रहा है। जानकारों का मानना है कि युद्ध या संघर्ष की कहानियां इंसानों को काफी पसंद आती हैं। यही वजह है कि अब लोग फिल्मी पर्दों और किताबों-कॉमिक्स के पन्नों से निकलकर वास्तविक कहानियों को अपनी आंखों से देखना चाहते हैं, जिनके बारे में वह हर रोज तरह-तरह की खबरें और कहानियां पढ़ते हैं। इस तरह के टूरिस्टों को ये कहानियां आकर्षित करती हैं।

    वार टूरिज्म अभी अपने शुरूआती चरण में है, लेकिन ये हमेशा से मौजूद रहा है। अगर हम ध्यान दें तो हजारों-लाखों की संख्या में लोग इंटरनेट पर युद्ध के इतिहास की कहानियां पढ़ते हैं। बड़े-बड़े चैनल इतिहास के इन युद्धों पर विशेष कार्यक्रम प्रसारित करते हैं, जिन्हें लोग काफी पसंद करते हैं। इसी तरह हजारों ऐसे पर्यटक हैं जो लगातार इस तरह के वार क्षेत्र में घूमते हैं।

    चौंकाती है वार टूरिज्म की ये तस्वीर

    वार क्षेत्र में लंबे समय से पत्रकारिता कर रहे मीडिल ईस्ट के पत्रकार एलन सोरेनसेन ने 10 जुलाई 2014 को वार टूरिज्म से संबंधित एक फोटो ट्वीट की थी। ये फोटो इजारयल के स्डेरॉट (Sderot) शहर की है। यहां के एक ऊंचे पहाड़ पर पर्यटक इजराल व गाजा सीमा चल रहे युद्ध को देखने के लिए रात के वक्त पहुंचे हुए हैं। वह आराम से इस ऊंची चोटी पर प्लास्टिक की कुर्सियां लगाकर बैठे हुए हैं और कुछ किलोमीटर की दूरी पर हो रहे धमाकों को देख रहे हैं। ये पहाड़ी वार टूरिज्म के लिए इतनी प्रसिद्ध हो चुकी है कि इसे स्डेरॉट सिनेमा (Sderot Cinema) नाम दिया गया है। वर्ष 2014 तक 50 लाख से ज्यादा लोग इस पहाड़ी से इजराल-गाजा के बीच चल रहे युद्ध के नजारे देख चुके हैं। इन पर्यटकों में लड़कियां और बुजुर्ग भी शामिल हैं। हैरानी की बात है कि ये लोग बम गिरने पर ताली बजाकर और हल्ला मचाकर खुशी भी जाहिर करते हैं। सोशल मीडिया पर आपको Sderot Cinema की बहुत से हैरतअंगेज फोटो और वीडियो मिल जाएंगी।

    1653 में हुआ था पहला वार टूरिज्म

    डच रिपब्लिक के युद्ध संवाददाता और वार आर्टिस्ट विलेम वैन डे वेल्डे (Willem Van De Velde) को दुनिया को पहला वार टूरिस्ट माना जाता है। उन्होंने वर्ष 1653 में एक छोटी सी नौका पर सुदूर समुंद्री क्षेत्र में वार टूरिज्म किया था। इस समुंद्री क्षेत्र में कभी डच (Dutch) और दि इंग्लिश (The English) नौ सेना के बीच युद्ध हुआ था। विलेम वैन डे वेल्डे ने इस समुंद्री क्षेत्र में पहुंचकर यहां पर युद्ध से जुड़े कई स्केच बनाए थे।

    ये हैं दुनिया के प्रसिद्ध वार डेस्टिनेशन

    1. बगदाद, इराकः बगदाद कभी मीडिल ईस्ट के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक था। वर्षों से चल रहे युद्ध ने इस शहर की सूरत बिगाड़ दी है। यहां पर सरकारी फोर्सेस और विद्रोहियों के बीच भयंकर खूनी संघर्ष हुआ है।

    2. दमिश्क, सीरियाः दमिश्क सीरिया की राजधानी है और अलेप्पो के बाद वहां का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यहां भी सरकारी फोर्सेस और आइएसआइएस आतंकियों के बीच लंबे समय से युद्ध चल रहा है। इसे दुनिया में सिविल वार की राजधानी भी कहा जाता है।

    3. मोगादिशू, सोमालियाः ये शहर सोमालिया की राजधानी है और इसे दुनिया का सबसे खतरनाक शहर माना जाता है। 1991 के बाद से यहां कोई स्थाई सरकार नहीं रही। यहां भी सरकारी फोर्सेस और सोमालिया के स्थानीय आतंकी संगठन अल-शबाब के बीच लंबे समय से युद्ध चल रहा है। युद्ध से पहले इस शहर को ‘व्हाइट पर्ल ऑफ दि इंडियन ओसियन’ के नाम से जाना जाता था।

    4. गाजा, फिलिस्तीनः यहां पर इजारयली सेना और हमास सेना के बीच लंबे समय से युद्ध चल रहा है। इजरायल ने यहां काफी बड़े एरिया पर कब्जा कर लिया है, जिसे लेकर दोनों सेनाओं के बीच लंबे अर्से से युद्ध चल रहा है।

    5. कश्मीर, भारतः भारत का ताज माना जाने वाला ये राज्य दुनिया के सबसे खूबसूरत टूरिस्ट डेस्टिनेशन में से एक है। यहां लंबे अर्से से भारत-पाक विवाद और गृह युद्ध जैसे हालात हैं।

    6. जोंगलेई और ऊपरी नाइल, दक्षिणी सुडानः यहां पर लंबे समय से मुर्ले और लो नुएर समुदायों के बीच जातीय हिंसा जारी है। इससे यहां पर लगातार अस्थिर वातावरण बना हुआ है। 2011 तक दोनों समुदायों के बीच खूनी संघर्ष में 4241 से ज्यादा लोग मारे जा चुके थे।

    7. त्रिपोली, लीबियाः त्रिपोली लीबिया के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक था। गृह युद्ध की वजह से अब ये दुनिया के सबसे खतरनाक शहरों में से है। यूएस सेना ने इस देश के शासक रहे मुअमर गद्दाफी को मार दिया है। इसके बाद से ही त्रिपोली एक स्थाई सरकार और शांति के इंतजार में है।

    8. सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिकः अफ्रीकी महाद्वीप का ये देश भी काफी समय से गृह युद्ध की मार झेल रहा है। इस संघर्ष में लाखों की संख्या में आम लोग मारे जा चुके हैं।

    9. काबुल, अफगानिस्तानः यहां के लग पिछले कई वर्षों से लगातार युद्ध की त्रास्दी झेल रहे हैं। यहां पर पिछले कई वर्षों से सरकारी फोर्सेस और तालिबान समर्थकों के बीच खूनी संघर्ष जारी है। 11 सितंबर को अमेरिका पर हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए यूएस सेना ने काबुल पर हमला किया था। अलकायदा चीफ ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद भी यहां हिंसा जारी है।

    10. यमनः यहां पर सऊदी अरब और आतंकी संगठनों के बीच संघर्ष चल रहा है। दावा किया जाता है कि आतंकी संगठनों को इरान का समर्थन मिला हुआ है।