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    Fordow Nuclear Plant: पहाड़ के नीचे 300 फीट पाताल में है ईरान का परमाणु प्लांट, किस देश के पास है इसको तबाह करने की ताकत?

    Updated: Wed, 18 Jun 2025 05:24 PM (IST)

    Irans Fordow Nuclear Plant इजरायल के कई हमलों के बावजूद ईरान का फोर्डो ईंधन संवर्धन संयंत्र पूरी तरह सुरक्षित है। यह इजरायल के लिए सबसे बड़ा खतरा है जबकि दुनिया के लिए चिंता का विषय। अमेरिका भी ईरान के इस परमाणु प्‍लांट का तबाह करना चाहता जानते हैं फोर्डों संयंत्र की सुरक्षा अभेद्य क्यों है और कौन-सा देश इसे उड़ा सकता है?

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    इजरायल के लिए अभेद्य है ईरान का फोर्डो परमाणु प्लांट, क्‍यों नहीं हो पा रहा इस पर हमला?

    डिजिटल टीम, नई दिल्‍ली। पिछले कुछ दिनों में इजरायल ने ईरान में कई परमाणु सुविधाओं पर हमले किए हैं, लेकिन फोर्डो ईंधन संवर्धन संयंत्र, जो एक अत्यधिक संरक्षित स्थल है, अभी भी सुरक्षित है। यह संयंत्र एक पहाड़ के नीचे स्थित है और जमीन में करीब 300 फीट गहराई में बना है।

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    इसे हवाई हमलों से बचाने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह इजरायल के लिए सबसे बड़ा खतरा है। इजरायल के पास फिलहाल फोर्डों की सुरक्षा को भेदने के लिए पर्याप्त हथियार नहीं हैं।आइए जानते हैं फोर्डों संयंत्र की सुरक्षा अभेद क्यों है......

    क्‍या सच में अभेद्य है फोर्डो प्‍लांट?

    फोर्डो ईंधन संवर्धन संयंत्र (Fordow Nuclear Plant) ईरान की सबसे गुप्त और सुरक्षित परमाणु सुविधाओं में से एक है। यह कोम से 30 किलोमीटर और तेहरान से 160 किलोमीटर दूर स्थित है। इस संयंत्र का निर्माण ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (IRGC) द्वारा नियंत्रित एक मिसाइल बेस के हिस्से के रूप में किया गया था।

    फोर्डो प्लांट कब बना और कब दुनिया को पता चला?

    ऐसा माना जाता है कि साल 2006 के आसपास ईरान ने गुप्त अमाद प्लान के तहत फोर्डों का निर्माण शुरू किया था, जिसका उद्देश्य परमाणु हथियार विकसित करना था । वर्षों तक इसका अस्तित्व दुनिया से छिपा रहा। साल 2009 में पश्चिमी खुफिया एजेंसियों ने इस संयंत्र का पता लगाया, जिसके बाद ईरान ने इसे अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के सामने स्वीकार किया।

    फोर्डो प्लांट को कौन कर सकता है तबाह?

    विशेषज्ञों का मानना है कि केवल अमेरिका के पास ही इसे नष्ट करने में सक्षम हथियार हैं। बंकर बस्टर जीबीयू-57ए/बी मैसिव आर्डनेंस पेनेट्रेटर (एमओपी) संभवत एकमात्र ऐसा बम है, जो फोर्डों के कोर तक पहुंचने की शक्ति रखता है।

    अमेरिकी वायु सेना के अनुसार, यह बम लगभग 13,600 किलोग्राम का है और इसे कठोर बंकरों और सुरंगों पर हमला करने के लिए तैयार किया गया है। यह बम सतह से लगभग 200 फीट नीचे घुसने में सक्षम है और इसे एक के बाद एक गिराया जा सकता है, जिससे गहराई तक प्रभावी रूप से ड्रिलिंग की जा सकती है।

    कौन-सी तकनीक बनाती है फोर्डो प्‍लांट को सबसे सेफ?

    फोर्डो की सुरक्षा का मुख्य कारण इसकी गहराई है। यह संयंत्र 80 से 300 फीट भूमिगत है, जिससे यह पारंपरिक बमों और यहां तक कि उन्नत इजरायली हथियारों की पहुंच से बाहर है।

    इसे लगभग 3,000 आईआर-1 सेंट्रीफ्यूज रखने के लिए बनाया गया था, जो दो अलग-अलग खंडों में व्यवस्थित हैं। इसके अलावा, यह रूस की एस- 300 प्रणाली सहित सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों द्वारा संरक्षित है।

    चार परमाणु बम बनाने की क्षमता

    साल 2015 के परमाणु समझौते (जेसीपीओए) के तहत फोर्डो को शांतिपूर्ण वैज्ञानिक उपयोग के लिए इस्तेमाल किया जाना था, लेकिन साल 2018 में अमेरिका द्वारा समझौते से हटने के बाद, ईरान ने फोडों में संवर्धन फिर से शुरू किया।

    वर्तमान में उन्नत आईआर 6 मॉडल सहित लगभग 2,000 सेंट्रीफ्यूज साइट पर चालू हैं, जो 60 प्रतिशत शुद्धता तक यूरेनियम को समृद्ध कर रहे हैं। यह परमाणु हथियार के लिए आवश्यक 90 प्रतिशत सीमा के करीब है।

    विशेषज्ञों के अनुसार, यह हर तीन महीने में अनुमानित 166 किलोग्राम 60 प्रतिशत समृद्ध यूरेनियम का उत्पादन करता है, जो चार परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त हो सकता है।