ऑपरेशन हेराल्ड ऑफ विक्ट्री क्या है, ईरान ने कैसे कतर में US मिलिट्री बेस को किया तबाह?
ईरान और इजरायल के बीच तनाव जारी है। अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर मिसाइल हमले के जवाब में ईरान ने 'ऑपरेशन हेराल्ड ऑफ विक्ट्री' के तहत कतर में अमेरिकी सैन्य ठिकानों, विशेषकर अल-उदैद एयरबेस पर बमबारी की। इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) ने इस जवाबी कार्रवाई की जानकारी देते हुए कहा कि ...
ईरान की सेना ने शुरू किया 'ऑपरेशन हेराल्ड ऑफ विक्ट्री' ।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईरान और इजरायल के बीच तनाव जारी है। एक दिन पहले अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर मिसाइल से हमले किए थे, जिसके बाद ईरान ने कतर में अमेरिकी ठिकानों पर जमकर बम बरसाए। ईरान ने इस जवाबी कार्रवाई को 'ऑपरेशन हेराल्ड ऑफ विक्ट्री' नाम दिया।
ऑपरेशन हेराल्ड ऑफ विक्ट्री क्या है?
'ऑपरेशन हेराल्ड ऑफ विक्ट्री' (Operation Herald of Victory) ईरान की ओर से शुरू किया गया एक सैन्य अभियान है। यह अभियान अमेरिका के उन हवाई हमलों के जवाब में शुरू किया गया है, जो अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए थे।
ईरानी सेना ने जवाबी कार्रवाई 'ऑपरेशन हेराल्ड ऑफ विक्ट्री' के बाद बयान जारी किया कि यह सैन्य कार्रवाई अमेरिका का ईरानी परमाणु ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए हमले का मुंहतोड़ जवाब है। 'ऑपरेशन हेराल्ड ऑफ विक्ट्री' के तहत ईरान ने कतर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डों, विशेष रूप से अल-उदैद एयरबेस (Al-Udeid Airbase) पर बमबारी की।
किसने की कतर में अमेरिकी ठिकाने पर हमला की प्लानिंग?
इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) ने 'या अबा अब्दुल्ला अल-हुसैन (AS)' कोड का इस्तेमाल करते हुए कहा कि कतर में अमेरिकी ठिकाने पर हमला ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के निर्देश पर खतम अल-अनबिया सेंट्रल हेडक्वार्टर (PBUH) की देखरेख में कतर में अल उदीद बेस को शक्तिशाली मिसाइल से तबाह किया गया है।IRGC ने बयान में ईरान में अमेरिकी कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार दिया।
बता दें कि ईरानी सेना ने कतर में जिस अमेरिकी सेना के ठिकाने पर हमला किया है, वह पश्चिम एशिया में अमेरिका की सेना के लिए रणनीतिक तौर पर बेहद अहम है। यहां अमेरिकी वायु सेना का कमांड हेडक्वार्टर है।
हर हमले का मिलेगा जवाब: IRGC
इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स ने अपने बयान में कहा, ''ईरानी जवानों ने व्हाइट हाउस और उसके सहयोगियों को स्प्ष्ट संदेश दे दिया है कि जब बात क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता या राष्ट्रीय सुरक्षा की आती है तो फिर हर हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। यह अमेरिका की आक्रामक और अशिष्ट कार्रवाई का सीधा और शक्तिशाली जवाब है। अब 'हिट एंड रन' का युग खत्म हो गया है।''
ईरान-इजरायल की जंग में अमेरिका क्यों उतरा?
ईरान और इजरायल के बीच दुश्मनी करीब चार दशक से ज्यादा पुरानी है। इन दोनों के बीच समय-समय पर तनातनी दुनिया को देखने को मिलती है। हाल ही में जब ईरान और इजरायल के बीच जंग का माहौल बन गया। दोनों देश एक-दूसरे पर मिसाइल और ड्रोन हमले कर एक-दूसरे के यहां तबाही मचा रहे थे, जिसमें सेना के कई बड़े अफसर, वैज्ञानिक और आम नागरिक मारे गए। इसके एक हफ्ते बाद अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों - नतांज, इस्फ़हान और फोर्डो पर हमले किए।
ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 13 जून को ईरान पर इजरायली हमलों में लगभग 500 लोग मारे गए हैं। वहीं इजरायली अधिकारियों के अनुसार, ईरानी हमलों में 24 इजरायली मारे गए हैं।
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