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    उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू बोले- कतर और भारत के बीच 'जीवित पुल' का काम कर रहा भारतीय समुदाय

    By Achyut KumarEdited By:
    Updated: Tue, 07 Jun 2022 07:27 AM (IST)

    उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने दोहा में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने यहां पर रह रहे भारतीय समुदाय को कतर और भारत के बीच जीवित पुल बताया है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत में लोग शांति और सद्भाव के साथ रहते हैं। .

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    उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू दोहा पहुंचे (फोटो- एएनआइ)

    दोहा, एएनआइ। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने  कतर की राजधानी दोहा में सोमवार को भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने भारत को एक बड़ी आबादी वाला एक विशाल देश बताया, जहां एकता में विविध भाषाएं और संस्कृतियां निवास करती हैं और लोग शांति और सद्भाव के साथ रहते हैं।

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    'भारत और कतर के संबंध आगे बढ़े हैं'

    एक नया भारत बनाने के लिए सरकार के दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कतर में रह रहे 7.80 लाख भारतीय समुदाय को दोनों देशों के बीच एक 'जीवित पुल' बताया। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 'पश्चिम की ओर देखो' नीति को प्रेरित करने के बाद से भारत-कतर संबंध आगे बढ़े हैं। उन्होंने कतर नेतृत्व के साथ जुड़ने में व्यक्तिगत रुचि ली है। एक और बयान में व्यापक ऊर्जा साझेदारी के बारे में बात करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत और कतर के बीच रक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा क्षेत्रों में सहयोग मजबूत हो रहा है।

    स्टार्ट-अप पुल का शुभारंभ

    उपराष्ट्रपति की कतर यात्रा के दौरान दोनों देशों के अभिनव पारिस्थितिकी तंत्र को जोड़ने के लिए भारत और कतर के बीच एक स्टार्ट-अप पुल का शुभारंभ किया गया। बता दें, भारत और कतर जल्द ही पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने की 50वीं वर्षगांठ मनाएंगे। उपराष्ट्रपति ने चर्चा के दौरान कहा, हमारी संवैधानिक वास्तुकला 'समावेश' की दृढ़ नींव है। यह किसी को पीछे नहीं छोड़ती है। यह वह दृष्टि है जो प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार के व्यापक दर्शन में एक प्रतिध्वनि पाती है जो 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' में विश्वास करती है।

    'अपनी मातृभूमि भारत को मत भूलना'

    इसके अलावा, उपराष्ट्रपति ने भारतीय समुदाय से जन्मभूमि, भारत के साथ संबंध बनाए रखने का भी आग्रह किया। उन्होंने एक बयान में कहा, 'आपकी कर्मभूमि कतर है और आपको कतर की प्रगति के लिए खुद को समर्पित करना चाहिए। साथ ही अपनी मातृ भूमि, भारत को मत भूलना।' उन्होंने कतर में भारतीयों से भारत में हो रहे तेजी से सामाजिक-आर्थिक विकास और परिवर्तन में योगदान करने का आग्रह करते हुए कहा कि हर कोई प्रवासी के कौशल और प्रतिभा से अत्यधिक लाभ उठा सकता है।

    तीन दिवसीय कतर यात्रा पर हैं उपराष्ट्रपति

    उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए कतर की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। उन्होंने अपनी तीन देशों की यात्रा के हिस्से के रूप में गैबान और सेनेगल का भी दौरा किया, जहां भारत ने गैबॉन में दो समझौता ज्ञापनों और सेनेगल में विभिन्न क्षेत्रों में तीन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए, जो दोनों देशों के बीच मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंधों को रेखांकित करता है। उपराष्ट्रपति के साथ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डा भारती प्रवीण पवार, सांसद सुशील कुमार मोदी, सांसद विजय पाल सिंह तोमर, सांसद पी. रवींद्रनाथ और उपराष्ट्रपति सचिवालय और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी हैं।