अमेरिका ने लाल सागर में अपना ही फाइटर जेट मार गिराया, फिर कहा- गलती से हो गया
USA Fighter Jet अमेरिकी सेना ने रविवार को एक अजीबो-गरीब घटना में अपना ही फाइटर जेट मार गिराया। हालांकि घटना में दोनों पायलट बच गए। एक को मामूली चोटें आई हैं। विमान ने यूएसएस हैरी एस. ट्रूमैन विमानवाहक पोत से उड़ान भरी थी। गाइडेड-मिसाइल क्रूजर यूएसएस गेटीसबर्ग ने गलती से जेट पर फायर कर दिया। पढ़ें क्या है पूरा मामला।
एपी, दुबई। लाल सागर में हाउती के संदेह में अमेरिकी सेना ने अपने ही लड़ाकू जेट विमान एफ/ए-18 को मार गिराया। घटना में दोनों पायलट बच गए। हालांकि एक को चोटें आई हैं। विमान ने यूएसएस हैरी एस. ट्रूमैन विमानवाहक पोत से उड़ान भरी थी।
गाइडेड-मिसाइल क्रूजर यूएसएस गेटीसबर्ग ने गलती से जेट पर फायर कर दिया। यह पहली बार है जब हाउती विरोधी अभियानों के दौरान चालक दल वाले अमेरिकी विमान को मार गिराया गया। अमेरिकी सेना ने रविवार को कहा कि उस समय हाउती विद्रोहियों को निशाना बनाते हुए हमले किए गए थे, हालांकि सेना की सेंट्रल कमान ने यह नहीं बताया कि उनका मिशन क्या था।
सेना ने कहा- गलती से फायर हो गया
सेंट्रल कमान ने कहा गाइडेड मिसाइल क्रूजर यूएसएस गेटीसबर्ग, यूएसएस हैरी एस. ट्रूमैन कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का ही हिस्सा है। यह फायर गलती से हो गया। यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि गेटीसबर्ग कैसे गलती से एफ/ए-18 को दुश्मन का विमान या मिसाइल समझ सकता है, खासकर तब जब समूह के जहाज रडार और रेडियो संचार दोनों से जुड़े रहते हैं।
हालांकि, सेंट्रल कमान ने कहा कि युद्धपोतों और विमानों ने पहले विद्रोहियों द्वारा लांच किए गए कई हाउती ड्रोन और एक एंटी-शिप क्रूज मिसाइल को मार गिराया था। अक्टूबर 2023 में गाजा में इजरायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से हाउती ने लगभग 100 व्यापारिक जहाजों को मिसाइलों और ड्रोन से निशाना बनाया है।
चीन ने दी चेतावनी
इधर, ताइवान को हथियारों की बिक्री और नई सहायता की घोषणाओं के बाद चीन ने रविवार को अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह आग से खेल रहा है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शनिवार को ताइवान के लिए 571 मिलियन डॉलर तक के प्रावधान को अधिकृत किया।
रक्षा विभाग ने कहा कि 295 मिलियन डॉलर की सैन्य साजोसामान की बिक्री को मंजूरी दे दी गई है। चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका से अपील की है कि वह ताइवान को हथियार देना बंद करे। ताइवान एक लोकतांत्रिक द्वीप है, जिस पर चीन अपना दावा करता आ रहा है। अमेरिकी हथियारों की बिक्री और सहायता का उद्देश्य ताइवान को अपनी रक्षा करने में मदद करना और चीन को हमले से रोकना है।
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