सीरिया पर अमेरिका मेहरबान, पूर्व विदेशी लड़ाकों को सेना में शामिल करने की दी इजाजत
अमेरिका सीरिया पर मेहरबान हो रहा है जिसने पूर्व विदेशी लड़ाकों को सेना में शामिल करने की योजना को हरी झंडी दिखाई है। राष्ट्रपति ट्रंप के दूत ने पारदर्शिता की शर्त पर इस फैसले का समर्थन किया है। सीरियाई रक्षा अधिकारियों के अनुसार लगभग 3500 विदेशी लड़ाके 84वीं सीरियाई सेना डिवीजन में शामिल होंगे जिनमें उइगर विद्रोही भी शामिल हैं।

दमिश्क, रॉयटर। सीरिया पर अमेरिका काफी मेहरबान दिख रहा है। अमेरिका ने सीरिया के नए नेतृत्व द्वारा हजारों पूर्व विदेशी लड़ाकों को सेना में शामिल करने की योजना को हरी झंडी दे दी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूत ने कहा है कि बशर्ते कि यह पारदर्शी तरीके से हो।
सीरियाई रक्षा अधिकारियों ने कहा कि योजना के तहत लगभग 3,500 विदेशी लड़ाके नवगठित 84वीं सीरियाई सेना डिवीजन में शामिल होंगे। इनमें मुख्य रूप से चीन और पड़ोसी देशों के उइगर विद्रोही शामिल हैं।
'मैं कहूंगा कि पारदर्शिता के साथ एक समझ जरूरी'
यह पूछे जाने पर कि क्या वॉशिंगटन ने सीरिया की नई सेना में विदेशी लड़ाकों के एकीकरण को मंजूरी दी है, तुर्किये में अमेरिकी राजदूत थॉमस बराक ने कहा कि मैं कहूंगा कि पारदर्शिता के साथ एक समझ जरूरी है।
वफादार लड़ाकों को सेना के भीतर रखना बाहर रखने से ज्यादा बेहतर है। मई की शुरुआत तक अमेरिका सीरिया में सुरक्षा बलों से विदेशी लड़ाकों को बाहर रखने की मांग कर रहा था, लेकिन पिछले महीने ट्रंप के पश्चिम एशिया के दौरे के बाद से सीरिया के प्रति वॉशिंगटन का दृष्टिकोण तेजी से बदला है।
ट्रंप ने सीरिया पर असद-युग के प्रतिबंधों को हटाने पर सहमति व्यक्त की, रियाद में सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा से मुलाकात की और अपने करीबी दोस्त बराक को विशेष दूत नियुक्त किया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।